ब्रेकिंग न्यूज़

भारत’ ने पिरो दी दुनिया ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की माला में...
-डॉ. कमलेश गोगिया

’हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं। मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश से हूं, जिसने इस धरती के सभी देशों और धर्मों के परेशान और सताए गए लोगों को शरण दी है।‘

आज से ठीक पूरे 130 वर्ष पूर्व 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद ने  शिकागो (अमेरिका)  विश्व धर्म सम्मेलन में ऐतिहासिक भाषण दिया था। पूरी दुनिया के कोने-कोने तक उन्होंने सार्वभौमिक सहिष्णुता के सिद्धांत को पहुँचाया था। उन्होंने भारतीय संस्कृति और धर्म को पूरी दुनिया से परिचित कराया था। वास्तव में उनका वक्तव्य ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के ही बीज मंत्र का विवेचन था जिसमें एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य का सार निहित है। यह थीम भारत की मेजबानी में सम्पन्न जी-20 शिखर सम्मेलन की भी थी। देखिये किस तरह इतिहास स्वयं को दोहराता है। एक बार पुनः भारत ने पूरी दुनिया को मानवता में ही निहित विश्व शांति का संदेश दिया है। महीना सितम्बर का ही है, तारीख है 9-10 और वर्ष है 2023।
जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता ने अनेक नए कीर्तिमान रचे हैं। भारतीय मेजबानी ने वसुधैव कुटुम्बकम के मंत्र के साथ विश्व को समावेशी विकास का एक नया दृष्टिकोण दिया है। भारत सदैव ही विश्व बंधुत्व को साकार करता रहा है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन की शुरुआत मोरक्को-भूकम्प में मृतकों के प्रति संवेदना, घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य की प्रार्थना और हरसंभव सहयोग प्रदान करने के साथ की तो दुनिया को एक बार पुनः स्मरण हो आया कि भारत सदियों से वसुधैव कुटुम्बकम का बीज मंत्र साकार करता आ रहा है। हर भारतीय के लिए यह गौरव की बात है कि भारत पूरी दुनिया की आर्थिक शक्तियों को वसुधैव कुटुम्बकम की माला में पिरोने में कामयाब रहा।
वसुधैव कुटुम्बकम सिर्फ शब्द-मात्र नहीं, इसमें गहरे अर्थ छिपे हुए हैं। महाउपनिषद में संस्कृत का श्लोक है -
 *अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् ।* 
 *उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ॥* इसका अर्थ है, यह अपना बंधु है और यह अपना बंधु नहीं है, इस तरह की गणना छोटे चित्त वाले लोग करते हैं। उदार हृदय वाले लोगों की तो (सम्पूर्ण) धरती ही परिवार है। भारतीय संस्कृति की प्रारंभ से यही विशेषता रही है कि वह पूरे विश्व को परिवार मानती आ रही है। यह मानवतावादी दृष्टिकोण है। वसुधैव कुटुम्बकम की इस पवित्र भावना पर ही भारतीय शासन और नीतियाँ कार्यरत रही हैं। पूरी वसुधा को जब आप परिवार मानते हैं तो यह व्यापक रूप से वैश्विक भावना का रूप ग्रहण कर लेती है। फिर देश ही नहीं, विश्व का हर नागरिक वैश्विक परिवार का हिस्सा बन जाता है। तब विश्व के किसी भी नागरिक का दुख-दर्द और उसकी समस्याएँ पूरे विश्व का दुख-दर्द और समस्या बन जाता है। देवभूमि भारत की यही विशेषता उसे सदियों से विश्व गुरू के रूप में स्थापित करती रही है।
स्वामी विवेकानंद का मानवतावादी दृष्टिकोण भी वसुधैव कुटुम्बकम पर ही आधारित है। कुँवर कनक सिंह ‘स्वामी विवेकानंद के सक्सेस सिद्धांत’ में लिखते हैं, ‘’हमारी गौरवशाली भारतीय संस्कृति में वसुधैव कुटुम्बकम का आदर्श है, जो सम्पूर्ण विश्व वसुधा को अपना परिवार मानती है। हमें जानना चाहिए कि हम ऋषियों की संतान हैं, हमारी संस्कृति संस्कार-प्रधान है। भारतीय संस्कृति में चेतना के विकास को महत्ता दी गई है। इसी मापदंड के आधार पर व्यक्तित्व का, जीवन का निर्माण हो, न कि व्यक्तिगत रूचि एवं भौतिक उपलब्धियों को व्यक्तित्व का मापदंड माना जाए।‘’ इसका प्रत्यक्ष उदाहरण पूरे विश्व में कोरोना महामारी काल के दौरान भारत का वैश्विक सहयोग है जिसने वैश्विक स्तर पर भारत की अहम भूमिका तय की और भारत की क्षमताओं से भी अवगत कराया। भारत ने सिर्फ महामारी काल में ही नहीं, समय-समय पर पूरी दुनिया के समक्ष मानवता की मिसाल पेश की है। यमन-संघर्ष, नेपाल-भूकम्प, अफगानिस्तान जैसे मामलों और तमाम विपरीत परिस्थितयों में प्रवासी भारतीयों सहित विदेशी नागरिकों को बचाने में भारत के प्रयासों की सराहना दुनिया के मंच पर की जाती रही है।
       जी-20 शिखर सम्मेलन वास्तव में भारत के लिए ‘वसुधैव कुटंबकम्’ के अपने विचार को साकार करने और पृथ्वी को सुरक्षित एवं हरित बनाने में अपने योगदान को विश्व में मान्यता दिलाने का अवसर था, जिसमें वह कामयाब रहा। पूरा विश्व वर्तमान में जलवायु परिवर्तन का संकट झेल रहा है जिससे पृथ्वी के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है। विश्व का लगभग हर देश गर्म हवाओं के थपेड़े झेलने को विवश है। इसके अलावा जैव-विविधता का संकट, प्रदुषित महासागर, अंतरराष्ट्रीय तनाव, रूस-यूक्रेन युद्ध, वैश्विक अर्थव्यवस्था के संकट जैसी अनेक वैश्विक समस्याएं मुंह बाएं खड़ी हैं। इन वैश्विक समस्यओं का समाधान ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के भारतीय दर्शन में ही निहित है, इसे जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल विश्व की सभी प्रमुख आर्थिक शक्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुर से सुर मिलाकर स्वीकार किया है।
भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ‘मायगाव डॉट इन’ में अपने आलेख, ‘वैश्विक स्तर पर छाप छोड़ता भारत, साझा भविष्य के निर्माण की भारतीय राह बड़ी उपयोगी’ में लिखा था कि, ‘’इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर भारत के हाथों में जी-20 की कमान देखकर फ्रांस बहुत खुश है। यह वर्ष भारत के लिए अवसर लेकर आया है कि वह ‘वसुधैव कुटंबकम्’ के अपने विचार को साकार करे और पृथ्वी को सुरक्षित एवं हरित बनाने में अपने योगदान को विश्व में मान्यता दिलाए।” निःसंदेह भारत इसमें सफल रहा। जी-20 सममेलन घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति ने भारत के वसुधैव कुटुम्बकम (एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य) के विचार को साकार कर पूरी दुनिया में शिखर पर खड़ा कर दिया। जी-20 के सभी साथी सदस्य प्रमुख रूप से मजबूत, दीर्घकालिक, संतुलित और समावेशी विकास, सतत विकास लक्ष्यों पर आगे बढ़ने, दीर्घकालीक भविष्य के लिए हरित विकास समझौता, 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थाओं और बहुपक्षवाद को पुर्नजीवित करने, युद्ध की बजाए शांति, संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों पर कार्य करने, राजनीतिक स्वतंत्रता पर आँच न आने, परमाणु हथियार की धमकी स्वीकार न करने, क्षेत्रीय अधिग्रहण के लिए बल प्रयोग से दूर रहने, सैन्य विनाश और हमलों को रोकने, महिला सशक्तिकरण, निजी उद्यमों को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के सिद्धांतों को बनाए रखने पर एकजुट हुए। 
इस सम्मेलन में सायबर सुरक्षा और क्रिप्टो करेंसी पर भी चिंता व्यक्त की गई है। जाहिर है कि सायबर और क्रिप्टो करेंसी पर से संबंधित वैश्विक स्तर पर कानून बनाए जा सकते हैं। घोषणा पत्र के सभी  83 बिंदुओं पर सभी देशों की शत-प्रतिशत सहमति ने दुनिया में भारत का कद बढ़ा दिया है, इसमें कोई संदेह नहीं है।
 *जय हिन्द....* 
 *जय भारत...*

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english