ब्रेकिंग न्यूज़

 घरघुन्दीया
 (छत्तीसगढ़ी कहिनी )
लेखिका -डॉ. दीक्षा चौबे , दुर्ग ( वरिष्ठ साहित्यकार और शिक्षाविद)
  सावन के महीना म पानी गिरई कोनो नवा गोठ नोहय फेर ए दरी के पानी हर पराण ले के जाहि तैसनहे लागथे कइके फिरतू हर अपन माथा म चुचुआत पसीना प पोंछीस । झिटिर-झिटिर बरसात हर चार-पाँच दिन ले गिरतेच रिहिस । माटी के घर के भिथिया मन फूल गे रिहिन , ए बरसात हर निकलही धन नहि इही फिकर म न सुत सकत रहय न बने सही कउरा मुंह भीतर ले जा सकत रहय । छानी के खपरा ल लहुटाय के बेरा तरी म तिरपाल लगवा दे रिहिस त ए बरसात म छानही ले धार नई बोहाइस फेर भुइँया तरी ल भिथिया हर पानी ल पिहि त का करही मनखे हर ।
          सुराजपुर के फिरतू मिहनत मजूरी कर के अपन अउ दु ठिंन लइका के पेट ल भरत रिहिस । बड़ हँसमुख आदमी, जौन मेर रहय ओखर हांसी ठठ्ठा चलत रहय ।
उंखर गांव म बी सी डी लाय रिहिस त अमिताभ बच्चन के फिलिम देखे राहय ।जबभे अब्बड़ खुसी होवय त एक ठन पंछा मुड़ म पागा सही बाँध लय अउ एक ठिंन अपन कनिहा म अउ पान खाय के एक्टिंग करके गाना चालू करय " हो खाई के पान बनारस वाला, खुल जाय बन्द अकल का ताला " ओखर ठुमका लगाई ल देख के पूरा मुहल्ला हांस-हांस के लोटपोट हो जाय ।
       ओखर गोसाईन रमौतीन घलो कुछु कहीं बुता कर के चाउर-दार के पुरती कमा लय । दुनो झन बड़ मेहनत करके माटी के दु ठन कुरिया अउ परछी ल उठाय रिहिन । रमौतीन हर बने गोबर अउ छुही म लीप के घर ल अब्बड़ सुघ्घर राखय । भले नानचुक रिहिसे फेर गोबर के छर्रा छींटा देवाय साफ सुथरा सुघ्घर रिहिस । बेटा गुरु हर लफंटूश निकरगे । पढ़े लिखे म ओखर मनेच नई लागिस । बेटी गौरी हर बड़ हुशियार रिहिस । पढ़ई गुनई , घर के काम बुता म हुशियार , बड़ मन लगा के घर के दुआरी म मोंगरा अउ गुलाल ,सदाबहार के पेड़ लगा दे रहिस तौन म बढ़िया फूल लगत रिहिस । पेड़-पौधा मन छोटे-बड़े थोरे देखथे ए दुर्गुण हर खाली मइनखे के आय जउन हर ओनहा कपड़ा लत्ता अउ घर-दुवार देखके ब्यवहार करथें । जीव जंतु अउ प्रकृति मइया हर भेदभाव नई करय फेर पांच दिन सरलग बरसात के होय ले पक्का सिरमिट वाले घर मन के  काय बिगड़थे । फिरतू के मन हर कभू आज अउ कभू जुन्ना दिन म घुमत फिरत रहिथे ।" 
        देख न बाबू ए गुरु हर मोर घरघुंदीया ल टोर के छितिर बितिर कर दिस" – रोवत आय रिहिस गौरी हर । ले मारहु मैं ओला , जा बेटी तैं नवा बना ले । तैं अन्नपूर्णा के अवतार अस बेटी , सिरजन करना तोर बर का मुस्किल हे । ए दरी जुन्ना घर ले अउ जबर अउ सुघ्घर घर बनाबे त जम्मो झन देखत रही अउ कइहि
ए होथे घर । ओला भुलवा के फिरतू हर चुप करा दिस फेर वो जानत रिहिस के घर हो के घरघुंदीया …बड़ मेहनत म बनथे । मुंह के कौरा नोहय के सान के गुप ले मुंह म डार दिस । 
      चार बछर होगे गौरी के बिहाव ल , बेटा गुरु हर अपन संगवारी मन संग कमाय खाय बर गांव ल का छोडिस दुबारा दाई ददा ल देखे तको नई आईस । फिरतू हर ओला खोजे बर शहर जाहूं कहय त रमौतीन हर " तन मा नइहे लत्ता अउ जाय बर कलकत्ता " कइके ओला चुप करा दय । दुनो झन के जिनगी हर जैसनहे तैसनहे निकलत रिहिस । मन मा सन्तोष राहय अउ कुछु हारी बीमारी झन आवय त मेहनत मजदूरी करके तको आदमी जिन्दा रही जथे । अउ अउ करके आदमी हर अपन आने वाले पीढ़ी बर जोरे लागथे तेने मन हाय हाय करके जीथें । लखपति ल नींद नई आवय काबर के ओखर मन म करोड़पति बने के उम्मीद जाग जाथे । भुईंया म सुतइया अउ दु ठन ओनहा म जिनगी पहइया
ल का के फिकर । गरीब ल टोरथे बीमारी , बिहाव अउ क्रियाकरम के खर्चा । भइगे जिनगी के गाड़ी हर इही बइला म फंदागे । रमौतीन ल जर धरिस त आठ दिन होगे माढ़बे नई करिस । गांव के डागडर तीर सूजी देवाय म तको नई माढ़ीस त फिरतू हर शीतला माता म नरियर फोरीस , रतनपुर के महामाया ल मनउती मानिस " जय महामाई मोर सुवारी ल बने कर दे त तोर दुवारी म मुड़ी पटके बर आहूँ दाई… उम्मीद के दिया हर बुताय लागथे त भगवान हर सहारा देथे । गौरी हर अपन महतारी के बीमारी के गोठ सुनिस त दउड़त आईस अपन गोसइया संघरा । उही हिम्मत करिस  - "चल बाबू अम्मा ल स हर के बड़े डॉक्टर ल देखाबो , घर म रही के बीमारी ल बढ़ा झन ।"  बड़े अस्पताल म चार दिन भरती रिहिस रमौतीन अउ ए दुनिया के जंजाल ल छोड़ के देवता-धामी के लोक म रेंग दिस । फिरतू हर निचट अकेल्ला पर गे ।
           पानी गिरे के अतके फायदा हे गरीब दुखिया के आंसू संघरा मिल जाथे । ओहर चुप्पे-चुप रोके अपन जी के पीरा ल बरसात के पानी म बोहा देथे । करलई ए जी एकलौता पोसवा बेटा के मया अउ जनम बर संग देवइया घरवाली के बियोग एखर ले बड़े दुख अउ का देबे भगवान -लंबा सांस भरके फिरतू हर अपन घर घुंदीया म सुतीस । दूसर दिन बिहनिया गांव भर गोहार परे रिहिस। -" फिरतू के घर के भिथिया धंसक गे रिहिस
अउ अपन जम्मो मया-पीरा के गठरी धरे फिरतू हर बड़ दिन बाद चैन के नींद सुते रिहिस अपन घरघुंदीया मा ।
 
 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english