आर. के. फिल्म्स की जान थी नरगिस
जयंती पर विशेष
अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री नरगिस का जन्म एक जून को हुआ था। उन्हें इंडियन सिनेमा की क्वीन माना जाता है। वह अपनी सौम्यता, अपने आत्मविश्वास और सबसे ज्यादा अपनी आंखों के लिए मशहूर थीं। फिल्मों के जानकार कहते हैं कि शायद ही नरगिस के बाद कोई ऐसी ऐक्ट्रेस हुई हो जिसकी आंखें उनके जितनी सुंदर और बोलने वाली हों।
नरगिस का जन्म 1 जून 1929 को कोलकाता में हुआ था और उनका असली नाम फातिमा राशिद था। नरगिस बचपन में अपने भाई अनवर हुसैन और अख्तर हुसैन के साथ फुटबॉल और क्रिकेट खेलती थीं। बात जब कॅरिअर की आई तो उन्होंने फिल्मों का रुख किया।
फिल्मों में उनकी जोड़ी सबसे ज्यादा राजकपूर के साथ पसंद की गई। दोनों ने अनेक हिट फिल्में दी जिसके गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। दोनों के अफेयर के किस्से भी खूब उड़े। कहा जाता है कि नरगिस मिसेस राजकपूर बनने का सपना संजोये हुए थी, लेकिन राजकपूर पत्नी कृष्णा को नहीं छोडऩा चाहते थे। आखिरकार इस रिश्ते का अंत हो गया। राजकपूर कहा करते थे कि कृष्णा भले ही उनके बच्चों की मां हैं, लेकिन उनकी फिल्मों की मां तो नरगिस ही है। फ़स्र्ट फ़ैमिली ऑफ़ इंडियन सिनेमा- द कपूर्स किताब में लिखा है नरगिस ने अपना दिल, अपनी आत्मा और यहां तक कि अपना पैसा भी राज कपूर की फि़ल्मों में लगाना शुरू कर दिया। जब आर के स्टूडियो के पास पैसों की कमी हुई तो नरगिस ने अपने सोने के कड़े तक बेच डाले। उन्होंने आरके फि़ल्म्स के कम होते खज़़ाने को भरने के लिए बाहरी प्रोड्यूसरों की फि़ल्मों जैसे अदालत, घर संसार और लाजवंती में काम किया। बाद में राज कपूर ने उनके बारे में एक मशहूर लेकिन संवेदनहीन वकतव्य दिया, मेरी बीबी मेरे बच्चों की मां है, लेकिन मेरी फि़ल्मों की मां तो नरगिस ही है।
राज कपूर के छोटे भाई शशि कपूर बताते थे- नरगिस आर के फि़ल्म्स की जान थीं। उनका कोई सीन न होने पर भी वो सेट्स पर मौजूद रहती थीं।
नरगिस ने मदर इंडिया, आग, बरसात, अंदाज, आधी रात, आवारा, श्री 420 और नया दिन नई रात जैसी तमाम हिट फिल्मों में काम किया। उनकी मदर इंडिया ऐसी भारतीय फिल्म थी जो पहली बार ऑस्कर के नॉमिनेशन तक पहुंची। यही वह फिल्म थी जिसके बाद नरगिस और सुनील दत्त ने शादी का फैसला किया। फिल्म में सुनील दत्त भी अहम रोल में थे।
शादी में सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि नरगिस मुस्लिम और सुनील हिंदू थे। दोनों का अफेयर काफी सुर्खियों में रहा। कहा जाता है कि इस बात को जानकर मुंबई का एक काफी नामी डॉन नाराज हो गया था। डॉन ने सुनील दत्त को धमकी तक दे डाली मगर सुनील साहस दिखाते हुए डॉन के पास पहुंच गए। डॉन से सुनील दत्त ने कहा, मैं नरगिस से बेहद मोहब्बत करता हूं और शादी करना चाहता हूं। मैं उन्हें जिंदगीभर खुश रखूंगा। अगर आपको यह गलत लगता है तो मुझे गोली मार दीजिए और सही लगता है तो गले लगा लीजिए। सुनील की यह बात सुनकर डॉन काफी खुश हुआ और उन्हें गले लगा लिया। इसके बाद दोनों ने साल 1958 में शादी कर ली। ये शादी तब तक गुप्त रखी गई जब तक मदर इंडिया रिलीज़ नहीं हुई, क्योंकि इस फि़ल्म में सुनील दत्त नरगिस के बेटे का रोल निभा रहे थे।
कहा जाता है कि नरगिस की शादी के निर्णय पर राजकपूर फूट-फूट कर रोये थे। यहां तक जब 3 मई 1981 को नरगिस का निधन हुआ, तो उनके जनाने में राज कपूर आम लोगों के साथ सबसे पीछे चल रहे थे। हर कोई उन्हें आगे उनके पार्थिव शरीर के पास जाने के लिए कह रहा था। लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं मानी। उनकी आँखों पर धूप का चश्मा लगा हुआ था। वो धीमे से बुदबुदाए थे, एक-एक करके मेरे सारे दोस्त मुझे छोड़ कर जा रहे हैं।
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