असम पर आधारित युद्ध-विरोधी फिल्म 'विक्टर वन' जल्द ओटीटी मंच पर प्रदर्शित होगी
गुवाहाटी। जैविक हथियारों के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर बनी 32 मिनट लंबी लघु फिल्म ‘विक्टर वन', जो युद्ध में उलझने से बचने का संदेश भी देती है, अगले दो महीनों के भीतर ओटीटी मंच डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर प्रदर्शित की जाएगी। फिल्म के निर्माताओं ने रविवार को यह जानकारी दी।
शक्ति सिंह, ललित वशिष्ठ और सौरभ अरोड़ा द्वारा निर्मित इस लघु फिल्म की कहानी भारतीय वायु सेना के एक ग्रुप कैप्टन (जो असम के तेजपुर हवाई अड्डे पर तैनात है) और एक सूक्ष्मजीव वैज्ञानिक (जो जैविक हथियारों की काट विकसित करने की कोशिशों में जुटा है) के इर्द-गिर्द घूमती है। सिंह ने कहा, “विश्व इतिहास दिखाता है कि कैसे महाशक्तियों ने छोटे और कमजोर देशों को तबाह करने के लिए जैविक हथियारों का सहारा लिया।
जर्मन तानाशाह एडॉल्फ हिटलर ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जैव हथियार विकसित करने की कोशिश की, जबकि जापान ने चीन के खिलाफ उनका इस्तेमाल किया।” ‘विक्टर वन' में ग्रुप कैप्टन अशोक वर्मा की भूमिका निभाने वाले सिंह ने अमेरिका-वियतनाम युद्ध का भी उदाहरण दिया, जिसमें अमेरिका ने वियतनाम के लोगों पर कृत्रिम रासायनिक वर्षा की थी।
उन्होंने कहा, “लघु फिल्म में इन उदाहरणों का जिक्र किया गया है और हमने यह संदेश देने की कोशिश की है कि युद्ध हमें कहीं नहीं ले जाएगा। युद्ध के कारण एक दिन मानव जाति विलुप्त हो जाएगी। शक्ति और लालच से प्रेरित युद्ध आम आदमी के लिए किसी काम का नहीं है। युद्ध के रास्ते पर चलकर शांति कभी नहीं कायम होगी। युद्ध-विरोधी संदेश देने के लिए एक सैनिक को चुने जाने के सवाल पर बॉलीवुड के प्रसिद्ध वॉयस-ओवर कलाकार सिंह ने कहा, “सेना के जवानों को युद्ध छेड़ने में कभी दिलचस्पी नहीं होती है, लेकिन उन्हें शासकों द्वारा युद्ध के लिए उकसाया जाता है।”
उन्होंने कहा, “वे सीमा पर किसी को नहीं जानते, फिर भी एक-दूसरे को मार डालते हैं। जो राजनीतिक दुश्मनों को जानते हैं, वे सुरक्षित दूरी पर बैठते हैं और युद्ध का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करते हैं।” सिंह ने बताया कि ‘विक्टर वन' का अभी विभिन्न फिल्म महोत्सव में प्रदर्शन किया जा रहा और इसे फरवरी-मार्च तक ओटीटी मंच डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज कर दिया जाएगा
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