महिलाओं को रूढ़ीवादी छवि तक सीमित करने वाले आधुनिक नारीवाद से असहमति रखती हैं विद्या बालन
मुंबई । अभिनेत्री विद्या बालन ने कहा है कि वह उस आधुनिक नारीवाद से असहमति रखती हैं, जो महिलाओं को रूढ़ीवादी छवि तक सीमित करता है और यदि वे ‘पारंपिक चीजों' का आनंद उठाना चाहती हैं तो उनकी आलोचना करता है। बालन ने शुक्रवार रात फिल्म समीक्षक मैथिली राव की पुस्तक ‘द मिलेनियल वुमन इन बॉलीवुड' के विमोचन कार्यक्रम में यह कहा, जहां अभिनेत्री मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई थीं। उन्होंने कहा, ‘‘एक मजबूत महिला, एक नारीवादी, का एक साथी क्यों नहीं हो सकता, वह पारंपरिक चीजों का आनंद उठाने और फिर पीछे हटने की इच्छा क्यों नहीं कर सकती? आधुनिक महिलाओं का उपयोग एक रूढ़ीवादी उदाहरण के रूप में क्यों किया जा रहा, जिसका प्रत्येक महिला को अनुकरण करना चाहिए? '' अभिनेत्री ने सवाल किया, ‘‘हमें महिलाओं को एक खास रूप में चित्रित करने की क्यों जरूरत है, जैसा कि हम उन्हें सशक्त के रूप में देखना चाहते हैं?'' यह पूछे जाने पर कि महिला सशक्तिकरण के विषय पर बहस समाप्त होना क्या यह संकेत देगा कि समाज द्वारा समानता हासिल कर ली गई है, बालन ने कहा, ‘‘इसमें बहुत लंबा समय लगेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘दुख की बात है कि फिल्म उद्योग में अब भी ज्यादा महिलाएं नहीं हैं। जब यह 50-50 के अनुपात में हो जाएगा, तब यह बहस खत्म हो जाएगी। लेकिन तब तक यह बहुत जरूरी है। इसलिए इसे तब तक जारी रहने दें, जब तक कि हम उस चरण में नहीं पहुंच जाते, जब हर जगह और हर चीज में महिलाओं के साथ समान व्यवहार एक नियम नहीं हो जाता।
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