इस एक्ट्रेस पर आया था गोविंदा का दिल, मां ने डांटा तो बना ली हमेशा के लिए दूरी
मुंबई। 21 दिसंबर को गोविंदा ने अपना 57वां जन्मदिन मनाया है। गोविंदा उन एक्टर्स में शामिल हैं जो ना केवल अपनी एक्टिंग बल्कि अपने डांस से भी लोगों के दिलों में बसते हैं। गोविंदा उन चुनिंदा एक्टर्स की लिस्ट में आते हैं जो सीरियस, कॉमेडी, एक्शन, डांस हर तरीके के किरदारों में फिट रहते हैं।
गोविंदा सबसे पहले 'लव 86' फिल्म में नजर आए। गोविंदा ने अपने कॅरिअर में 150 से अधिक फिल्में की हैं और इनमें से अधिकतर सुपरहिट रही हैं। गोविंदा का प्रारंभिक जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा है। वे बी. कॉम ग्रेजुएट हैं। एक बार गोविंदा होटल में नौकरी खोजने के लिए गए थे, लेकिन अंग्रेजी ना आने के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिली।
एक इंटरव्यू में खुद गोविंदा ने बताया कि एक समय पर वे फिल्मों में बहुत बिजी थे। इतना बिजी कि उन्होंने कई फिल्में तो केवल समय ना होने के कारण ही कई फिल्में छोड़ दी थीं। एक समय ऐसा भी आया जब उनके पास पूरी 70 फिल्में थीं। आलम ऐसा था कि वे हर दिन 4 से 5 फिल्मों की शूटिंग किया करते थे।
एक दौर ऐसा आया जब गोविंदा और नीलम कोठारी का इश्क परवान चढऩे लगा। दोनों ने 'खुदगर्ज', 'इल्जाम', 'सिंदूर' और 'जोरदार' जैसी फिल्मों में काम किया। दोनों की जोड़ी को लोगों ने खासा पसंद किया। दोनों की ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री अब बाहर भी दिखने लगी थी। खबरें ये भी रही कि गोविंदा नीलम को चाहने लगे थे। इस पर गोविंदा की मां निर्मला देवी ने एक बार बेटे से कहा कि वो अब नीलम के साथ काम ना करे और बेटे ने भी ऐसा ही किया। गोविंदा के इस फैसले ने नीलम के करिअर को एक झटका दिया था। बाद में करिश्मा कपूर के साथ उनकी जोड़ी को लोगों ने काफी पसंद किया।
गोविंदा की सुपरहिट फिल्मों पर डेविड धवन का हाथ भी रहा है। डेविड का डायरेक्शन और गोविंदा की एक्टिंग फिल्म के हिट होने की गारंटी हुआ करती थी। दोनों ने एक साथ मिलकर 'कुली नंबर 1', 'शोला और शबनम' और 'साजन चले ससुराल' जैसी हिट फिल्मों सहित कुल 17 फिल्में कीं। हालांकि किसी बात पर दोनों के बीच मनमुटाव पैदा हुआ और आज दोनों एक-दूसरे के साथ काम तक नहीं करना चाहते। कई बार तो गोविंदा ऑन कैमरा डेविड धवन को लेकर अपनी बात कह चुके हैं। एक बार उन्होंने कहा था कि वे डेविड के साथ काम नहीं करना चाहेंगे।
वैसे तो गोविंदा की अधिकतर फिल्में हिट रही हैं। गोविंदा की कुछ फिल्मों ने अलग ही छाप छोड़ी। इनमें 'कुली नंबर 1', 'शोला और शबनम', 'दूल्हे राजा', 'राजा बाबू', 'छोटे मियां बड़े मियां', 'जोड़ी नंबर 1', 'पार्टनर', 'हीरो नंबर 1', 'स्वर्ग', 'नसीब', 'अंखियों से गोली मारे' और 'जोरू का गुलाम' जैसी फिल्में शामिल हैं।
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