मीठे के शौकीन हैं तो चीनी की जगह इस्तेमाल करें ये चीज, दिल की बीमारी का खतरा होगा कम
चिकित्सक ज्यादा चीनी खाने से बचने की सलाह देते हैं। ऐसे में लोग चीनी के विकल्प तलाशते हैं। खासकर डायबिटीज के मरीजों को मीठे के अन्य विकल्पों को ढ़ूंढना पड़ता है। जैसे कि शुगर फ्री चीजें, ब्राउन शुगर और गुड़ आदि। ऐसे में चीनी के कुदरती विकल्प के रूप में आप नारियल से बने चीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये डायबिटीज और दिल की बीमारियों के खतरे को भी कम करता है।
नारियल चीनी कुछ और नहीं बल्कि नारियल को पीसा कर बनाई गई चीनी है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये अनप्रोसेसड है और चीनी का सबसे नेचुरल विकल्प है। वहीं ये डायबिटीज के मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि शरीर के लिए भी कई मायनों में फायदेमंद है। तो आइए जानते हैं क्या है ये और इसके फायदे।
नारियल चीनी
नारियल चीनी को सूखा कर और पीस कर बनाया जाता है। वहीं कुछ पारंपरिक तरीकों की बात करें तो नारियल चीनी नारियल को उबाल कर भी बनाया जाता है। इस चीनी में फ्रुक्टोज की सामग्री कम होती है और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है, जो डायबिटीज रोगी के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें नियमित सफेद चीनी की तुलना में कुछ खनिजों और एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा ज्यादा होती है। ये एक अन्य कारक है, जो नारियल चीनी को और फायदेमंद बनाता है। ये दिखने में कंपाउड ब्राउन शुगर की तरह दिखता है, जिसे बेकिंग और खाना पकाने में एक प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
नारियल चीनी के फायदे
कम कैलोरी वाली है नारियल चीनी
नारियल चीनी कम कैलोरी वाली होती है। ये ब्राउन शुगर जैसी है, जिसमें कैलोरी की कमी होती है लेकिन नियमित रूप से अधिक पोषण देता है। इसके अलावा, नारियल का चीनी में आयरन, जिंक, पोटेशियम, पॉलीफेनोल, फ्लेवोनोइड और फाइबर की मात्रा अधित होती है। पांच ग्राम नियमित चीनी में लगभग 40 कैलोरी होती है। दूसरी ओर, नारियल चीनी की समान मात्रा में लगभग 20 से 25 कैलोरी होती है। इस तरह ये वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है।
पेट की आंत के लिए फायदेमंद
हम सभी जानते हैं कि आंत के लिए प्रीबायोटिक्स कितने अच्छे हैं। ये पाचन को दुरुस्त रखते हैं जिसके कारण हमारा शरीर अच्छे से काम करता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि नारियल चीनी में प्रीबायोटिक्स भी हैं। नारियल में चीनी में इंसुलिन नामक एक फाइबर होता है जो एक आहार फाइबर है जो आंत के लिए बहुत अच्छा है। यह एक प्रीबायोटिक के रूप में कार्य करती है और आंत के बैक्टीरिया के लिए फायदेमंद है।
यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है
नारियल चीनी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) कम है। जीआई एक माप है, जो हमारे ब्लड शुगर और ग्लूकोज के स्तर पर उनके प्रभाव के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का मूल्यांकन करता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि नियमित चीनी के मुकाबले नारियल चीनी का जीआई 35 है, वहीं रेगुलर चीनी का जीआई 60 से 65 के बीच है। साथ ही, इसमें मौजूद इंसुलिन रक्त में ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करने में मदद करता है जो मधुमेह जैसी समस्याओं को रोकता है।
नारियल चीनी के इस्तेमाल की भी अपनी सीमा है। एक दिन में 12 ग्राम नारियल चीनी का सेवन आदर्श मात्रा है, लेकिन, सबसे अच्छी बात ये है कि आप इस चीनी का इस्तेमाल मिठाई और घर की मध्यम मीठी चीजों को बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
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