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  पौष्टिकता से भरपूर है अमाड़ी या अम्बाड़ी
छत्तीसगढ़ में कई तरह की भाजी को साग के रूप में खाया जाता है। इसी में से एक है अमाड़ी , आमाड़ी या फिर अम्बाड़ी। इसका स्वाद थोड़ा खट्टापन लिए होता है।  पत्तियों का खट्टापन अलग - अलग क्षेत्र के साग में अलग - अलग होता है। इसकी ताज़ी पत्तियों का साग बनाया जाता है। इसके अलावा मटन करी, तुअर दाल और अचार बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसकी पत्तियों को भाजी के रूप में खाया जाता है, तो इसके लाल-लाल फलों की स्वादिष्ट चटनी बनाई जाती है। इसकी पत्तियों की भी इमली के साथ स्वादिष्ट चटनी और अचार बनता है जिसे साल भर तक रखा जा सकता है। इसकी पत्तियों और फल के काफी फायदे हैं। इसकी खासियत है कि इसे मॉनसून में भी खाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में इसे खास तौर से खाया जाता है। 
  अमाड़ी हरे और लाल तने वाली एक हरी सब्जी है, जो कि अम्बाडी हिबिस्कस परिवार से संबंधित है। यह एक जंगली सब्जी है, जो लगभग भारत के हर कोने में होती है।  
ज्वार की रोटी और आमाड़ी की भाजी निमाड़ का एक पारंपरिक पाक व्यंजन है। यह मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में प्राय: हर घर में बनाई जाती है। अम्बाडी इस सब्जी का मराठी नाम है।  तेलुगू में इसे गोंगुरा, मराठी में अम्बाड़ी, तमिल में पुलिचा किराइ, कन्नड़ में पुंडी, हिंदी में पितवा, उडिय़ा में खाता पलंगा, असमिया में टेंगा मोरा और बंगाली में मेस्तापत नाम से जाना जाता है। इससे पता चलता है कि देश के ज्य़ादातर हिस्सों में ये साग खाया जाता है।  
क्या हैं इसके फायदे
  यह विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी से भरपूर होती है। इस वजह से यह आंखों और त्वचा के लिए काफी अच्छी होती हैं। पोटैशियम और मैग्नीशियम से भरपूर होने की वजह से इसका नियमित सेवन करने से यह बीपी को कंट्रोल में रखती है। अमाड़ी दो तरह की होती है- एक हरी डंथल वाली और दूसरी लाल डंथल वाली। लाल रंग की अमाड़ी में हरी गोंगुरा की तुलना में ज्यादा खटास होती है। इसलिए लाल अमाड़ीका इस्तेमाल चटनी-अचार में ज्यादा किया जाता है। लाल अमाड़ी ज्यादा पौष्टिक भी होती है। चूंकि यह धीरे-धीरे पचता है, यह आंत के पारिस्थितिकी तंत्र को भी पोषण करने में मदद करता है जो शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक है।
 इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक 
ऐसा माना जाता है कि  अमाड़ी  में ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में मदद करते हैं।  अमाड़ी  में विटामिन सी होता है, जो इम्युनिटी को बूस्ट करने और शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाने में मददगार होता है। 
फोलिक एसिड और आयरन का स्त्रोत
ऐसा माना जाता है कि अम्बाडी आयरन और फोलिक एसिड का एक अच्छा स्त्रोत है। यह शरीर में एनिमिया का खतरा कम करता है।  
पेट को स्वस्थ रखे
 अमाड़ी का सेवन  पेट को स्वस्थ रखने में मदद करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें धीरे-धीरे पचने वाले स्टार्च होते हैं, जिससे कि यह पेट के इकोसिस्टम को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह भाजी पेट में स्वस्थ बैक्टीरिया को बनाए रखने में मददगार होती है।  यह कब्ज की समस्या भी दूर करती है। 
 हड्डियों के लिए फायदेमंद
 अमाड़ी  के पत्ते  हड्डियों को मजबूत बनाए रखने का एक सुरक्षित और शानदार उपाय है। इसमें  कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस की प्रचुर मात्रा होती है। यह   हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मददगार होते हैं। इस सब्जी का नियमित सेवन करने से  ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से भी बचा जा सकता है। 
 

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