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 इम्यूनिटी बूस्टर है पेउस , खाने से मिलते हैं ये फायदे....
 गाय या भैंस का पहला या दूसरे दिन का दूध जिसे आम बोलचाल की भाषा में पेउस कहा जाता है, शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है।  ये न केवल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को  मजबूत बनाता है बल्कि मांसपेशियों का निर्माण और वजन घटाने में भी मदद करता है।
 गाय या भैंस के पहले दूध में  कुछ ऐसे एंटीबॉडीज होते हैं, जो कि शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाती है। गाय या भैंस के पहले दूध को बोवाइन कोलोस्ट्रम, खरवस या फिर पेउस कहा जाता है। इसमें कुछ माइक्रो न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर को कॉमन फ्लू और इंफेक्शन से बचने में मदद करता है। वहीं स्वास्थ्य के लिए इसके कई और लाभ भी हैं।  कोलोस्ट्रम या खरवस  आंत के बैक्टीरिया के विकास को बनाए रखने के लिए प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक दोनों के रूप में काम करता है। यह  आंत्र सिंड्रोम को रोकने और कम करने में भी मददगार हो सकता है। यह एलर्जी से निपटने के लिए भी काफी प्रभावी है। इस तरह ये शरीर के लिए हर तरह से फायदेमंद है।
  गो-जातीय कोलोस्ट्रम एक दूधिया तरल पदार्थ है, जो बच्चे को जन्म देने के बाद गायों और भैंसों के स्तनों से आता है। ये बहुत गाढ़ा और हल्का पीला रंग दूध होता है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज और विशिष्ट प्रकार के प्रोटीन होते हैं जिन्हें एंटीबॉडी कहा जाता है। ये कोलोस्ट्रम बैक्टीरिया और वायरस जैसे रोग पैदा करने वाले एजेंटों से लड़ते हैं। गोजातीय कोलोस्ट्रम में एंटीबॉडी का स्तर नियमित गाय के दूध में स्तरों की तुलना में 100 गुना अधिक हो सकता है। पेउस से विभिन्न रेसिपी तैयार की जाती हैं।  एक रेसिपी हम यहां दे रहे हैं....
 सामग्री
-पेउस, (बिना उबाला हुआ) यदि पहले दिन का दूध हो, तो इसमें 3 हिस्सा नार्मल दूध , दूसरे दिन का पेउस हो तो इसमें नार्मल दूध बराबर मात्रा में मिलाएं। इसमें  स्वादुसार चीनी या फिर गुड़ मिलाएं। इसमें  केसर / जायफल / इलायची पाउडर या अपने स्वाद के आधार पर तीनों का मिश्रण बना लें।
- सभी सामग्री को एक साथ अच्छे से मिला लें। 
-फिर इसे प्रेशर कुकर में तीन सीटी लगा लें और ठंडा होने पर टुकड़ों में काट लें।
पेउस के फायदे
एथलीट  फैट बर्न करने, मांसपेशियों का निर्माण, सहनशक्ति और अपने एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार करने के लिए  इसका इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा ये  गोजातीय कोलोस्ट्रम भी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने, चोटों को ठीक करने, तंत्रिका तंत्र की क्षति की मरम्मत और मूड में सुधार करने में मदद करता है। इसके साथ ही इसके कई और फायदे भी हैं। जैसे कि
 -कोलोस्ट्रम (पयोस) को इंसुलिन के विकास में मदद करता है।   कोलोस्ट्रम मधुमेह और अस्थमा से निपटने में भी मदद करता है।
-कोलोस्ट्रम को मैक्रोन्यूट्रिएंट्स, खनिज और विटामिन का एक समृद्ध स्रोत कहा जाता है।  यह वयस्कों में कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है।
 

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