आयुर्वेद के अनुसार स्प्राउट्स का सेवन करते समय ध्यान रखें ये बातें...
सुबह के समय ब्रेकफास्ट में बहुत से लोग अंकुरित चना और मूंग यानी स्प्राउट्स का सेवन करते हैं। खासकर, जिम जाने वाले लोग। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें प्रोटीन और डाइट्री फाइबर के साथ कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो न सिर्फ वजन घटाने बल्कि बॉडी बिल्डिंग और मांसपेशियां बढ़ाने में भी मदद करते हैं। साथ ही इनका सेवन करने से कई बीमारियों का खतरा भी कम होती है और पाचन संबंधी समस्याएं भी दूर रहती हैं। लेकिन हम में से ज्यादातर लोग स्प्राउट्स खाने का सही तरीका नहीं जानते हैं। आयुर्वेद की मानें तो स्प्राउट्स खाने का पूर्ण लाभ सिर्फ तभी मिल सकता है, जब आप इनका सही तरीके से सेवन करते हैं। इस लेख हम हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं...
आयुर्वेद के अनुसार स्प्राउट्स खाने के नियम
"आयुर्वेद के अनुसार,अंकुरित दाल, फलियां और चना कभी-कभार लेना ठीक रहता है। उदाहरण के लिए, इन्हें सप्ताह में एक या दो बार लिया जा सकता है। यदि सामान्य फलियों और अनाजों को अंकुरित अनाजों से बदल दिया जाए, तो इनसे प्राप्त होने वाले प्रोटीन और फैट की मात्रा में कुछ बदलाव हो सकते हैं। हमारा शरीर अच्छी तरह से व्यवस्थित और केंद्रित पोषक तत्वों को अधिक महत्व देता है। हालांकि, स्प्राउट्स पोषण से भरपूर होते हैं। इसलिए इसे पचाना भारी होता है। इसे पचने योग्य बनाने और अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए अपने आहार में अंकुरित अनाज को शामिल करने के लिए इन नियमों का पालन करने की जरूरत है...
1. दैनिक सेवन न करें
अपनी दिनचर्या में अंकुरित अनाज को शामिल न करें, इसे हमेशा कभी-कभार खाएं, क्योंकि यह पचने में भारी होता है और इसमें संक्रमणकारी गुण होते हैं।
2. उबालकर खाएं
सेवन से पहले स्प्राउट्स को उबाल लें। इसे कच्चा न खाएं, उबालने के बाद यह पचने में और भी आसान हो जायेगा।
3. पाचक मसाले डालें
अंकुरित अनाज को पकाते समय पाचक मसाले डालें, मसाले जैसे जीरा पाउडर, काली मिर्च, धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर आदि।
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