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  किस रोग में कौन सा रस ले, घर पर ताजा रस ही निकाल कर पिये
 1. भूख लगाने के हेतुः-
प्रातःकाल खाली पेट नींबू का पानी पियें। खाने से पहले अदरक को कद्दूकस करके सैंधा नमक के साथ लें।
 2. रक्तशुद्धि हेतु :-
नींबू, गाजर, गोभी, चुकन्दर, पालक, सेव, तुलसी,नीम और बेल के पत्तों का रस प्रयोग करें ।
 3. दमाः-
लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकन्दर, गोभी, गाजर, मीठी द्राक्ष का रस, भाजी का सूप अथवा मूँग का सूप और बकरी का शुद्ध दूध लाभदायक है। घी, तेल, मक्खन वर्जित है।
 4. उच्च रक्तचापः-
गाजर, अंगूर, मोसम्मी और ज्वारों का रस।मानसिक तथा शारीरिक आराम आवश्यक है।
 5. निम्न रक्तचापः-
मीठे फलों का रस लें, किन्तु खट्टे फलों का उपयोग ना करें। अंगूर और मोसम्मी का रस अथवा दूध भी लाभदायक है।
 6. पीलियाः-
अंगूर, सेव, रसभरी, मोसम्मी, अंगूर की अनुपलब्धि पर लाल मुनक्के तथा किसमिस का पानी। गन्ने को चूसकर उसका रस पियें। केले में 1.5 ग्राम चूना लगाकर कुछ समय रखकर फिर खायें।
 7. मुहाँसों के दागः-
गाजर, तरबूज, प्याज, तुलसी , घृतकुमारी और पालक का रस ।
 8. संधिवातः-
लहसुन, अदरक, गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी, हरा धनिया, नारियल का पानी तथा सेव और गेहूँ के ज्वारे।
 9. एसीडिटीः-
गाजर, पालक, ककड़ी, तुलसी का रस, फलों का रस अधिक लें। अंगूर मोसम्मी तथा दूध भी लाभदायक है।
 10. कैंसरः-
गेहूँ के ज्वारे, गाजर और अंगूर का रस।
 11. सुन्दर बनने के लिएः-
सुबह-दोपहर नारियल का पानी या बबूल का रस लें। नारियल के पानी से चेहरा साफ करें।
 12. फोड़े-फुन्सियाँ:-
गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी और नारियल का रस।
 13. कोलाइटिसः-
गाजर, पालक और अन्नानास का रस। 70 प्रतिशत गाजर के रस के साथ अन्य रस समप्राण।चुकन्दर, नारियल, ककड़ी, गोभी के रस का मिश्रण भी उपयोगी है।
 14. अल्सरः-
अंगूर, गाजर, गोभी का रस, केवल दुग्धाहार पर रहना आवश्यक है, खूब गर्म दूध में 2 चम्मच देशी गाय का घी डालकर मिक्स करके पियें ।
 15. सर्दी-कफः-
मूली, अदरक, लहसुन, तुलसी, गाजर का रस, मूँग अथवा भाजी का सूप।
 16. ब्रोन्काइटिसः-
पपीता, गाजर, अदरक, तुलसी, अनन्नास का रस,मूँग का सूप। स्टार्चवाली खुराक वर्जित।
 17. दाँत निकलते बच्चे के लिएः-
अन्नानास का रस थोड़ा नींबू डालकर रोज चार औंस(100-125 ग्राम)।
 18. रक्तवृद्धि के लिएः-
मोसम्मी, अंगूर, पालक, टमाटर, चुकन्दर, सेव,रसभरी का रस रात को। रात को भिगोया हुआ खजूर का पानी सुबह में। इलायची के साथ केले भी उपयोगी हैं।
 19. स्त्रियों को मासिक धर्म कष्टः-
अंगूर, अन्नानास तथा रसभरी का रस।
 20. आँखों के तेज के लिएः-
गाजर का रस तथा हरे धनिया का रस श्रेष्ठ है।
 21. अनिद्राः-
अंगूर और सेव का रस। पीपरामूल शहद के साथ।
 22. वजन बढ़ाने के लिएः-
पालक, गाजर, चुकन्दर, नारियल और गोभी के रस का मिश्रण, दूध, दही,
सूखा मेवा, अंगूर और सेवों का रस।
 23. डायबिटीजः-
गोभी, गाजर, नारियल, करेला और पालक का रस।
 24. पथरीः-
पत्तों वाली शब्जी, पालक, टमाटर ना लें। ककड़ी का रस श्रेष्ठ है। सेव अथवा गाजर या कद्दू का रस भी सहायक है। जौ एवं सहजने का सूप भी लाभदायक है।
 25. सिरदर्दः-
ककड़ी, चुकन्दर, गाजर, गोभी और नारियल के रस का मिश्रण।
 26. किडनी का दर्दः-
गाजर, पालक, ककड़ी, अदरक और नारियल का रस।
 27. फ्लूः-
अदरक, तुलसी, गाजर का रस।
 28. वजन घटाने के लिएः-
अन्नानास, गोभी, तरबूज का रस, नींबू का रस।
 29. पायरियाः-
गेहूँ के ज्वारे, गाजर, नारियल, ककड़ी, पालक और सोया की भाजी का रस। कच्चा अधिक खायें।
 30. बवासीरः-
मूली का रस, अदरक का रस घी डालकर, नागर मोथा , नारियल पानी ।

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