खाना खाते ही एसिडिटी हो जाती है तो अपनाएं ये घरेलू उपाय, तुरंत मिलेगा आराम
वर्तमान में कई लोग पेट की समस्याओं से काफी परेशान रहते हैं, कुछ लोगों को खाना खाते ही एसिडिटी की शिकायत होने लगती है। आयुर्वेद में हाथ से खाना खाने के अनेक लाभ बताए गए हैं लेकिन आजकल लोग चम्मच, कांटे और छुरी से खाना पसंद करते हैं। जिसका सेहत पर बुरा असर हो सकता है। दरअसल, हाथ से खाना खाने से शरीर में पंचतत्वों का संतुलन बनता है जिससे हाजमा बेहतर हो सकता है। कई लोगों को एसिडिटी के कारण खट्टी डकारें भी आती हैं। अगर आप भी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं तो इस लेख में कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं, जिन्हें अपनाने से आपको लाभ मिल सकता है।
खाना खाते ही एसिडिटी के लिए घरेलू नुस्खे
1. अदरक का पानी
जिन लोगों को खाना खाते ही एसिडिटी की समस्या होने लगती है, उन्हें अदरक का पानी पीना चाहिए। कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर अदरक का पानी पेट की सूजन को कम कर सकता है और अम्लता को कम करने में मदद कर सकता है। अदरक में मौजूद अमीनो एसिड पाचन को बेहतर करने में सहायक होते हैं। इसके साथ ही अदरक के पानी का सेवन डायबिटीज के इलाज में भी मददगार साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह रक्त शर्करा यानी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायक होता है। विटामिन C और अन्य पोषक तत्वों की भरपूर अदरक का पानी, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है।
2. हरी धनिया और पुदीना
हरी धनिया और पुदीना में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्व अम्लता को कम करने में मदद करते हैं। हरी धनिया और पुदीना को अच्छे से धोकर पीस लें और पानी के साथ मिलाकर पिएं। इससे आपको लाभ मिल सकता है और एसिडिटी की समस्या कम हो सकती है। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए आप हल्का नमक भी मिला सकते हैं।
3. तुलसी
तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पेट में होने वाली अम्लता के इलाज में मददगार साबित हो सकती है। तुलसी के पत्तों को रोज़ाना खाने से पेट की सूजन और अम्लता के लक्षणों में आराम मिल सकता है। इसके साथ ही तुलसी का सेवन तनाव को भी कम करने में सहायक होता है।
4. सौंफ और जीरा
पोषक तत्वों से भरपूर सौंफ और जीरा का सेवन अम्लता को कम करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह पाचन क्रिया को सुधारता है। सौंफ और जीरा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण सेहत के लिए बेहद लाभदायक होते हैं और पेट की अग्नि को शांत करने में सहायक हो सकते हैं।
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