बाहर के गोलगप्पे खाने के शौकीन हैं तो एक बार इसे अवश्य पढ़ें......
भारत की अधिकतर महिलाएं और बहुत सारे पुरुष भी गोलगप्पे खाने के शौकिन है। भारत के अलग-अलग राज्यों में भले ही इसे अलग नामों (गोलगप्पा, पानीपूरी, पुचका, बताशे) से जाना जाता है। लेकिन इसके स्वाद के लोग काफी दिवाने हैं। हर गोल गप्पे वाले के पास आपको मजे से पानी पूरी खाते हुए लोग मिल जाएंगे। लेकिन क्या आप जो गोल गप्पा खा रहे हैं, वो आपके सेहत के लिए सही है? दरअसल कर्नाटक के खाद्य सुरक्षा और मानक विभाग ने हाल ही में पानी पूरी के कुछ सैंपलों की जांच की, जिसकी रिपोर्ट में सामने आया है कि इन गोपगप्पों में कुछ ऐसे केमिकल है, जो कैंसर पैदा करने का कारण बन सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
कर्नाटक सरकार के खाद्य सुरक्षा और मानक विभाग ने पूरे राज्य में कॉटन कैंडी और गोभी मंचूरियन में आर्टिफिशियल रंग मिलाने पर इनके इस्तेमाल पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी थी, क्योंकि इन आर्टिफिशिल रंगों में मौजूद केमिकल हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। वहीं अब कर्नाटक के खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSA) के एक सर्व में कर्नाटक में चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें इकट्ठे किए गए पानी पूरी के लगभग 22% नमूनों में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल मिले हैं। FSSAI ने सड़क किनारे दुकान लगाने वालों से लेकर अच्छे होटलों से लगभग 250 गोपगप्पों के नमूनों को इकट्ठा किया, जिसमें से 41 नमूनों में हानिकारक आर्टिफिशियल रंग और ब्रिलियंट ब्लू FCF, सनसेट येलो और टार्ट्राजिन जैसे केमिकल पाए गए हैं। ये केमिकल न सिर्फ पेट से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं, बल्कि कैंसर, दिल से जुड़ी बीमारी, स्किन एलर्जी और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं।
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