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 गेहूं की रोटी खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है?

 हाई कोलेस्ट्रॉल आपको दिल की बीमारियों का शिकार बना सकती है। इसकी वजह से आपको अलग-अलग प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप डाइट कंट्रोल करें और कुछ बातों का ख्याल रखें। जैसे कि डाइट से जुड़ा एक ऐसा ही सवाल है कि क्या गेहूं की रोटी खाने से आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है? दरअसल, गेहूं की रोटी की कैलोरी ज्यादा होने के साथ ये शुगर बढ़ाने वाला भी होता है। इसके अलावा इसका ज्यादा सेवन करने से आपको मोटापे से आप ज्यादा वेट गेन भी कर सकते हैं।  
गेहूं की रोटी खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है क्या 
गेहूं की रोटी खाने से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है, अगर इसे किसी भी भोजन की तरह संयमित मात्रा में खाया जाए। अगर यह साबुत गेहूं से बना है जिसमें चोकर हैं, तो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलेगी और यह एक स्वस्थ आहार का हिस्सा हो सकता है। हालांकि, जब लोग बहुत अधिक मात्रा में मक्खन लगाते हैं या घी या तेल लगाकर रोटी खाते हैं तो इससे शरीर का कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। क्योंकि इन चीजों में सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है और आपकी दिक्कत ज्यादा बढ़ सकती है। इसके अलावा आपका ब्लड शुगर, ट्राइग्लिसराइड्स और इंसुलिन प्रतिरोध में भी बढ़ोतरी हो सकती है और इससे समय के साथकोलेस्ट्रॉल में तेजी से बढ़ सकता है। इसके अलावा गेहूं के आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है, जिससे ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से वृद्धि होती है। इससे इंसुलिन प्रतिरोध, सूजन और संभावित रूप से हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है।
 कोलेस्ट्रॉल कम करना है तो ऐसे खाएं गेहूं की रोटी
साबुत गेहूं को दरदरा पीसकर इसका आटा तैयार करें और फिर इसी की रोटी बनाकर खाएं। क्योंकि इसमें रिफाइंड गेहूं के आटे की तुलना में ज्यादा फाइबर और पोषक तत्व होते हैं। मल्टीग्रेन रोटी बनाने के लिए अलग-अलग तरह के आटे, जैसे कि साबुत गेहूं, जई या जौ को मिलाएं, जो पोषक तत्वों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। क्विनोआ या फिर अमरनाथ जैसे प्राचीन अनाज का उपयोग करने पर विचार करें, जो फाइबर, प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इन अनाजों से बनी रोटियों को खाना कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने की जगह घटाने में मददगार है। जो लोग अपने कार्ब सेवन पर नजर रखते हैं, वे चने की आटे की रोटी खाने का विकल्प चुन सकते हैं।
 साबुत गेहूं के आटे से बनी रोटियां, अपने लो फाइबर तत्व के कारण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है। फाइबर पित्त अम्लों से जुड़कर उन्हें शरीर से निकाल सकता है, जो बदले में लिवर में कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा महीन आटा और मैदा ब्लड शुगर और इंसुलिन प्रतिरोध में वृद्धि का कारण बन सकता है, जिससे संभावित रूप से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए जब भी खाएं मोटे अनाजों की रोटियां खाएं जो पित्त अम्लों से जुड़कर और उन्हें शरीर से निकालकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकती हैं।
 रोटी के लिए अनाज चुनते वक्त इन बातों रखें ध्यान
अगर आप रोटी के लिए किसी भी प्रकार का अनाज चुन रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए। जैसे कि सबसे पहले
- रिफाइंड अनाज की जगह साबुत अनाज चुनें जिनसे बनी रोटियों को खाना कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।
- पोषक तत्वों से भरपूर रोटी बनाने के लिए अलग-अलग आटे के मिश्रण इस्तेमाल करें जिससे आटे में फाइबर की मात्रा ज्यादा हो और इससे न शुगर बढ़े और न शरीर का कोलेस्ट्रॉल बढ़े।
- मात्रा का ध्यान रखें, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट का अत्यधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकता है।
 इसके अलावा भोजन को संतुलित बनाने के लिए रोटी कम खाअं और सब्जियां, लीन प्रोटीन या फलियों का सेवन ज्यादा करें। गेहूं के प्रकार और इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के बारे में जानकारीपूर्ण चुनाव करके, आप अपने कोलेस्ट्रॉल लक्ष्यों को पूरा करते हुए रोटी का आनंद ले सकते हैं। तो अब जब भी रोटी खाएं तो इन तमाम बातों का ध्यान रखें।

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