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रोज 10 हजार  कदम चलने से  शरीर में दिखने लगते हैं ये 5 बदलाव

 जब बात चलने की आती है तो किसी का टारगेट 3 हजार कदम चलने का होता है तो किसी का 5000, लेकिन आखिर चलने से होता क्या है? आप कहेंगे कि हम तो दिनभर में न जाने कितने कदम चल लेते हैं तो फिर उन्हें काउंट क्या करना! जी हां, हर कदम का एक महत्व होता है, इसलिए तो आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि जब आप 10 हजार कदम चलते हैं तो शरीर किस तरह से रिएक्ट करता है और शरीर में किस तरह के बदलाव आते हैं।   

-जिन्हें डायबिटीज है वो 6,000 से 9,000 कदम रोज चलेंं, ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
-ह्रदय रोग वाले रोजाना 30 मिनट की वॉक करें। इससे उनके दिल को मजबूती मिलेगी।
-वह व्यक्ति जो फैटी लिवर से पीड़ित है वो तेज चाल से 45 मिनट तक चलना शुरु कर दे। इससे लिवर फैट घटना शुरू हो जाएगा।
-जो लोग ब्लड प्रेशर से परेशान हैं वे रोजाना 30-40 मिनट की वॉक करें, जो बीपी को नियंत्रित रखने में मदद करेगा।
-जब रोज 10,000 कदम चलते हैं तो क्या होता है?
‌1. हृदय स्वस्थ रहता है
डॉक्टर सर्वेश ने बताया कि नियमित रूप से 10,000 कदम चलने से हृदय की कार्यक्षमता में सुधार आता है। ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है, हार्ट रेट स्थिर रहता है और धमनियों की रुकावटें कम होती हैं। इससे हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा घटता है और दिल की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। इसलिए वो लोग जो दिल की बीमारी से परेशान हैं, वो रोजाना दस हजार कदम जरूर चलें।
 2. ब्लड शुगर और वजन नियंत्रित रहता है
चलने से शरीर में कैलोरी बर्न होती है और इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है। यह दोनों बातें डायबिटीज को नियंत्रित करने और वजन घटाने में मदद करती हैं। नियमित वॉकिंग से शरीर फैट स्टोर करने के बजाय एनर्जी का सही उपयोग करता है। ऐसे में आप बिना डाइटिंग के अपना वजन भी घटा सकते हैं और ब्लड शुगर को भी कंट्रोल कर सकते हैं।
 ‌3. मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है
वॉकिंग के दौरान एंडोर्फिन जैसे सकारात्मक हार्मोन रिलीज होते हैं, जिससे मूड अच्छा रहता है। वॉक करने से तनाव, बेचैनी और मानसिक थकान में राहत मिलती है। साथ ही नींद में सुधार और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता भी बढ़ती है। इसलिए अगर आप अपने मन को शांत रखना चाहते हैं और थकान को दूर करना चाहते हैं तो वॉर करने का ऑप्शन चुन सकते हैं।
 वॉकिंग से शरीर में कैसे बदलाव आते हैं?
‌1. दिल अधिक मजबूत होता है
रोजाना चलने से दिल नियमित रूप से व्यायाम करता है, जिससे उसकी मांसपेशियां ताकतवर बनती हैं। रक्त प्रवाह बेहतर होता है और दिल पर पड़ने वाला अतिरिक्त दबाव कम होता है। यह कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को बेहतर बनाता है और दिल को लंबी उम्र तक स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
 2. चयापचय दर तेज होती है
चलना मेटाबॉलिज्म को गति देता है, जिससे शरीर भोजन को बेहतर तरीके से पचा पाता है और उसे ऊर्जा में बदल पाता है। ऐसा करने से वजन नियंत्रित रहता है और फैट जमने की प्रक्रिया धीमी पड़ती जाती है। तेज मेटाबॉलिज्म का मतलब है ज्यादा ऊर्जा, कम थकान और बीमारियों का कम खतरा होता है। इसलिए आप रोज चलना शुरू कर दें।
 ‌3. मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं
कई लोग उठते-बैठते शरीर में दर्द की शिकायत करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कम चलने से उनकी हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इसके लिए डॉक्टर ने बताया कि ‘वॉकिंग से पैरों, पीठ और जांघों की मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं। यह मसल्स को टोन करने और हड्डियों की घनता बनाए रखने में सहायक होती है। साथ ही, यह गतिविधि जोड़ों की लचक बढ़ाती है, जिससे चलने-फिरने में परेशानी नहीं होती और बढ़ती उम्र में मोबिलिटी बनी रहती है। तो अगर आपके माता-पिता भी दर्द की शिकायत करते हैं तो उन्हें भी रोज वॉक करने के लिए कहें।
 ‌4. मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता बढ़ती है
अगर आप एक जगह मन नहीं लगा पा रहे हैं या फिर लाख कोशिशों के बाद भी ध्यान इधर-उधर जा रहा है तो भी वॉक करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। डॉक्टर ने बताया कि ‘चलते समय दिमाग को अधिक ऑक्सीजन मिलती है, जिससे सोचने और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। तनाव घटता है और मन शांत रहता है। नियमित वॉक करने वालों में मानसिक थकावट और चिड़चिड़ापन कम पाया गया है। यह बदलाव पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों जिंदगी में सकारात्मक असर डालते हैं।’
 5. रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है
हम में से कई ऐसे लोग होंगे जो जल्दी-जल्दी बीमार हो जाते होंगे। ऐसे लोगों के लिए भी डॉक्टर ने चलना फायदेमंद बताया है। डॉक्टर ने फायदे बताते हुए कहा कि ‘चलना शरीर के इम्यून सिस्टम को सक्रिय बनाता है। इससे शरीर में संक्रमण से लड़ने की ताकत बढ़ती है। सर्दी, जुकाम या वायरल बीमारियों से लड़ने की क्षमता बेहतर होती है और रिकवरी भी जल्दी होती है। लंबे समय तक नियमित चलने से शरीर संक्रामक बीमारियों के प्रति अधिक तैयार और सुरक्षित रहता है।’

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