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त्रिफला के हैं अनेक फायदे, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन नुकसान भी पहुंचा सकता है......

 औषधि के रूप में आयुर्वेद में जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। जब भी आयुर्वेदिक औषधि का नाम आता है वहां त्रिफला को भी याद किया जाता है। ऐसे में त्रिफला के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में पता होना बेहद जरूरी है।  

 क्या है त्रिफला?
त्रिफला चूर्ण 3 जड़ी बूटियों से मिलकर बना होता है- आंवला, विभितकी और हरीतकी यानी बहेड़ा और हर्रा।  आंवला एक फल है, जिसे लोग आमलकी के नाम से भी जानते हैं। आंवला के अंदर भरपूर मात्रा में फाइबर, खनिज पदार्थ, एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद हैं। इसके अलावा इसके अंदर विटामिन सी पाया जाता है। जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है। यह न केवल संक्रमण से लडऩे में मददगार है बल्कि इससे कब्ज की परेशानी भी दूर हो जाती है। 
अगर विभितकी की बात करें तो यह पौधे के रूप में पाया जाता है। इसका प्रयोग आयुर्वेद में दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। इसके अंदर भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद हैं। साथ ही यह लीवर की परेशानी, डायबिटीज में रोग आदि को दूर करने में मददगार है।
वहीं आयुर्वेद में हरीतकी को भी एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है। इसके अंदर भी एंटी ऑक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही सूजन कम करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। पेट की समस्या, दिल की समस्या, मूत्राशय में सुधार, बढ़ती उम्र को रोक आदि में यह बेहद फायदेमंद है। इन तीनों से मिलकर त्रिफला बना है। ऐसे में त्रिफला वात, पित्त और कफ इन तीनों के लिए बेहद फायदेमंद है। स्वाद में यह खट्टा, मीठा, कसैला, कड़वा, तीखा होता है।
 त्रिफला की तासीर
त्रिफला की तासीर गर्म होती है। कहते हैं किसी भी चीज की अति बुरी होती है। त्रिफला के साथ भी कुछ ऐसा ही है। इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में घबराहट, पेचिस आदि समस्याएं भी सामने आ सकती हैं।
 त्रिफला के फायदे
आंखों के लिए असरदार
 दृष्टि के सुधार में त्रिफला बेहद फायदेमंद है। इसके सेवन से   मांसपेशियां मजबूत होती है। साथ ही ग्लूकोमा मोतियाबिंद आदि से बचाव करता है। अगर त्रिफला के पानी से आंखों को धोया जाए तो जलन, लालिमा आदि समस्या दूर हो सकती हैं। साथ ही गाय के घी और शहद के साथ त्रिफला लेने से आंखों की समस्या काफी हद तक दूर हो जाती है।
 वजन कम करने में फायदेमंद
 जो लोग वजन कम करने के लिए दिनभर कसरत, योगा, एक्सरसाइज करते हैं उन्हें बता दें कि त्रिफला वजन कम करने में बेहद सहायक है।  जिन लोगों को पाचन तंत्र की समस्या होती है उन्हें ज्यादा भूख लगती है, जिसके कारण वे जरूरत से ज्यादा आहार लेते हैं और उनका वजन बढऩे लगता है। ऐसे में त्रिफला के सेवन से कॉलन में सुधार आता है। इससे कॉलन की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और वह उन्हें साफ स्वच्छ भी रखता है।  
 त्वचा में आए निखार
 अगर आप अपनी त्वचा में प्राकृतिक चमक लाना चाहते हैं तो त्रिफला का सेवन एक अच्छा है। यह न केवल मृत कोशिकाओं में नई जान डालता है बल्कि छिद्रों की सफाई भी करता है। अगर आपका ब्लड साफ रहेगा तो आपके चेहरे पर प्राकृतिक निखार आएगा। इससे त्वचा में निशान, मुंहासे आदि को दूर किया जा सकता है।
 दांतों को दें मजबूती
 त्रिफला के अंदर एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जिससे मसूड़ों की सूजन, दातों में इंफेक्शन, मसूड़ों से खून आना, दातों का मेल आदि की समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है। यदि आपको दांतों की समस्या है तो त्रिफला को रात भर पानी में भिगोए और सुबह पानी से अपने दांतों को साफ करें। आराम मिलेगा।
 बालों की कमजोरी करे दूर
 अगर आप बालों के झडऩे की समस्या से परेशान हैं तो त्रिफला आपकी मदद कर सकता है। त्रिफला के अंदर ऐसे गुण पाए जाते हैं जिससे बालों का विकास होता है। बता दें कि त्रिफला बालों को काले करने में भी सहयोगी है। अगर हफ्ते में दो बार त्रिफला तेल से मालिश की जाए तो बालों को मजबूती मिलती है। चूंकि इसके अंदर विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसलिए बालों की सेहत के लिए अच्छा विकल्प है।
 त्रिफला के नुकसान
नींद को करे प्रभावित- त्रिफला का सेवन एक्सपर्ट की सलाह पर ही लेना चाहिए। ऐसे में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो त्रिफला रात को सोने से पहले लेते हैं। उन्हें अनिंद्रा का सामना करना पड़ता है। इन लोगों में त्रिफला मूत्रल गुण दर्शाता है। 
 गर्भवती स्त्री रहे दूर- जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं वे त्रिफला से दूर रहें। प्रेगनेंसी के दौरान भी त्रिफला का सेवन नहीं किया जाता।
 दस्त की हो सकती है परेशानी-इसके अधिक सेवन से भी पाचन तंत्र में गड़बड़ी आ सकती है, जिससे लूज मोशन कैसे समस्या का सामना करना पड़ सकता है। अगर दस्त ज्यादा दिन तक हो तो शरीर में पानी की कमी हो जाती है। साथ ही इससे कोलन की मांसपेशियों में प्रभावित होती है।
 कोलेस्ट्रोल को करे अनियंत्रित- त्रिफला के अधिक सेवन से ब्लड शुगर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही यह कोलेस्ट्रोल के स्तर को घटाती बढ़ाती रहती है।    एक्सपर्ट 6 साल से कम उम्र के बच्चों को त्रिफला देने से मना करते हैं।

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