इन 4 वजहों से पीने के लिए कभी न करें प्लास्टिक बोतलों का इस्तेमाल.....
आम तौर पर शहरी क्षेत्रों के घरों में पानी को रखने और पीने के लिए प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग किया जाता है। यही नहीं, लोगों की यह बहुत ही कॉमन सी आदत होती है कि अगर कोल्ड ड्रिंक पिया या कहीं पानी खरीदा तो उसकी खाली हो चुकी बोतल घर ले आए और उसे पीने या स्टोर करने के लिए प्रयोग करने लगेै।
आपको इस बात की जानकारी होनी जरूरी है कि आपकी यह आदत ना केवल पर्यावरण के लिए नुकसानदेह है, यह आपकी सेहत को भी सीधे तौर प्रभावित कर रही है। ये बोतलें कई कैमिकल प्रोसेस के बाद बनती हैं जिनका अपना रिसाइकिल का तरीका होता है। ये टेंपरेचर सेंसेटिव भी होती हैं जिस वजह से इनको अगर पानी पीने या स्टोर करने के लिए प्रयोग किया जाए तो येे आपकेे स्वास्थ्य को कई तरह से हानि पहुंचा सकती है।
खतरनाक कैमिकल के प्रभाव में आता है पानी
हालांकि कई कंपनियां यह दावा करती आई हैं कि वे बीपीए फ्री प्लास्टिक का प्रयोग करती हैंै। इसके बावजूद हर तरह की प्लास्टिक बोतलों को बनाने में कई कैमिकल का प्रयोग किया जाता है जो मानव शरीर के लिए हानिकारक हैंै। जब ये बोतल पानी और हीट के संपर्क में आती हैं या कई दिनों तक पानी को इसमें स्टोर किया जाता है तो इसके हानिकारक कैमिकल पीने के पानी में घुल जाते हैं और हमारे शरीर की अंत: स्रावी ग्रंथियों को प्रभावित करते हैं जिसका प्रभाव हमारे हार्मोन पर पड़ता हैै।
74 प्रतिशत बोतल होती हैं टॉक्सिक
इनवायरमेंटल साइंस एंड टेक्नॉलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च में पाया गया कि रोजाना 8 तरीके के प्लास्टिक का प्रोडक्शन होता है जिसमें तमाम दावों के बावजूद 74 प्रतिशत प्रोडक्ट टॉक्सिक पाए गए। हालांकि लोगों में जागरुकता के अभाव की वजह से इनका धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है।
पर्यावरण के लिए हानिकारक
ये प्लास्टिक अक्षय होते हैं जिन्हें नष्ट करने के लिए एक खास प्रोसेस में जाना होता है। अगर इन बोतलों का इस्तेमाल कर यहां वहां फेंक दिया जाए तो इनकी रीसाइकिलिंग सही तरीके से नहीं हो पाती। ऐसे में प्लास्टिक की बोतलें धरती पर प्लास्टिक कूड़ा बढ़ाती हैं जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है. इसलिए प्लास्टिक का उपयोग करने की बजाय धातु से बनी बोतलों का उपयोग बेहतर है।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए हानिकारक
प्लास्टिक की बोतल में अगर लंबे समय से पानी स्टोर किया जा रहा है तो इसमें रखा पानी पूरी तरह टॉक्सिक हो चुका होता हैं जिनका प्रयोग अगर गर्भवती महिलाएं या बच्चे करें तो इनकी सेहत को यह बहुत ही नुकसान पहुंचाते हैं
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