एक औषधीय पौधा भी है पीपल....रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक
पीपल के पेड़ की अपनी धार्मिक मान्यताएं हैं। सदियों से यह वृक्ष पूजा जाता रहा है। औषधीय दृष्टि से भी यह वृक्ष काफी काम आता है। आइये जाने पीपल के पत्तों के फायदें....
आयुर्वेद से जुड़े एक वैद्य के अनुसार प्रतिदिन दो पीपल के पत्ते का सेवन करने से ऑक्सीजन का लेवल बढ़ सकता है। इसके लिए आपको रोजाना पीपल के दो पत्ते को चबाकर सेवन करना होगा। पीपल में कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन, फैट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, कॉपर और मैग्नीशियम के तत्व मौजूद होते हैं।
फेफड़ों के लिए फायदेमंद है पीपल
फेफड़ों के रास्ते में सूजन और कसाव उत्पन्न होना, गले में घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकडऩ के साथ खांसी आने पर पीपल के पत्ते का सेवन किया जा सकता है। .पीपल के पत्ते के अर्क में ऐसे विशेष गुण पाए जाते हैं, जो ब्रोंकोस्पास्म पर प्रभावी असर दिखाते हैं। सांस के रोगियों को हर रोज पीपल के दो हरे पत्तों का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से आराम मिलता है। साथ ही पीपल के पत्ते ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने में भी कारगर होते हैं।
इम्यूनिटी को करता है बूस्ट
पीपल का पत्ता रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके लिए पीपल के पत्ते के साथ गिलोय के तने का मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण का सेवन दिन में चार बार करें। ऐसा निरंतर करते रहने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है।
लीवर को बनाता है मजबूत
ज्यादा शराब का सेवन करने से लीवर पर खराब असर पड़ता है। ऐसे में लीवर को स्वस्थ रखने के लिए पीपल के पत्ते का सेवन किया जा सकता है। पीपल में लीवर को डैमेज होने से बचाने वाली एक क्रिया पाई जाती है। इसके अर्क का उपयोग करने से लीवर को खराब होने से बचाया जा सकता है.। इस लिए लीवर के रोगियों को प्रतिदिन सुबह में पीपल के दो पत्तों का सेवन करना चाहिए।
कफ की समस्या को करे दूर
कफ की समस्या से निजात पाने के लिए पीपल का पत्ता बढिय़ा विकल्प हो सकता है। पीपल की पत्ती में थेरेपेटिक तत्व पाए जाते हैं। जिसका उपयोग करने से कफ में आराम मिल सकता है। एक अन्य पीपल के पत्ते को जूस के रूप में इस्तेमाल करने से कफ की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही पीपल के पत्ते को सुखाकर घी के साथ भी उपयोग किया जा सकता है।
(नोट-इस आलेख में हम केवल जानकारी दे रहे हैं। कोई भी उपाय अपनाने से पहले एक बार किसी योग्य चिकित्सक से सलाह अवश्य ले लें।)
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