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 फेफड़ों से पहले कुछ लोगों के पाचनतंत्र को शिकार बना रहा है कोरोना वायरस, इन लक्षणों से रहें सावधान
नई दिल्ली। देश-दुनिया में एक विपदा की तरह फैले कोविड-19 को लेकर लोगों में डर और दहशत दोनों तरह का माहौल है। लोग इससे बचने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं लेकिन उनके मन में ये सवाल अभी भी बना हुआ है कि इस वायरस से संक्रमित होने पर उन्हें सबसे पहले क्या होगा। इस बीच, द अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी में प्रकाशित एक नए अध्ययन से ये सामने आया है कि जिन लोगों को कोरोनावायरस ने अपना शिकार बनाया उनमें से कई को वायरस से प्रभावित होने पर पहला संकेत दस्त जैसी पाचन समस्या के रूप में मिला था। 
कोविड -19 इंसानों में फैलने वाला कोरोना वायरस है, जो प्रारंभिक रूप से आपके फेफड़ों और श्वसन प्रणाली को अपना निशान बनाता है। इसके शुरुआती लक्षणों में  तेज बुखार, लगातार खांसी, सांस लेने में परेशानी, जुकाम। लेकिन अगर ये संक्रमण अगर बिगड़ जाए तो  सीने में दर्द, निमोनिया, सांस रुकने जैसा होना और फेफड़ों में भारी दबाव और खिंचाव महसूस करना।
 दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस वायरस को लेकर नई जानकारियां जुटाने में लगे हैं हालांकि इसके लक्षणों की सूची और लंबी होती जा रही है।  द अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी में प्रकाशित हालिया अध्ययन में चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस के 204 मरीजों के डेटा का आंकलन किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि इस वायरस से संक्रमित होकर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों में 48.5 फीसदी को दस्त, उल्टी और पेट में दर्द जैसी पाचन संबंधी समस्या हुई थी। अध्ययन से ये सामने आया है कि कोरोना के सांस संबंधी लक्षणों से पहले व्यक्ति को पाचन संबंधी लक्षण दिखाई देते हैं। इस अध्ययन में ये पाया गया कि जिन लोगों को पाचन संबंधी लक्षण दिखाई दिए उन्हें गंभीर रूप से समस्याओं का शिकार होना पड़ा।
 दस्त और उल्टी जैसी होती है समस्या
इस अध्ययन के निष्कर्षों ने उन अतिरिक्त प्रमाण पर संदेह बढ़ा दिया है, जिसमें ये कहा जा रहा है कि कोविड -19 यानी की कोरोनावायरस कुछ लोगों में जठरांत्र (gastrointestinal symptoms)    संबंधी लक्षणों का कारण बन सकता है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में अमेरिका के पहले कोरोना मरीज पर प्रकाशित एक केस रिपोर्ट से ये सामने आया है कि उस मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के दूसरे दिन सबसे पहले पतले दस्त लगे और पेट में परेशानी होने लगी। अन्य शोध में भी पाया गया कि वायरस मल त्याग के रूप में बाहर निकलता है ठीक पुराने वाले वायरस की तरह।
 लोगों को होती है पाचन संबंधी समस्या
अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी के को-एडिटर इन चीन और एमडी ब्रेनन एम.आर. स्पीगल का कहना है कि कोरोना से पीडि़त मरीजों में पाचन लक्षणों की भूमिका और प्रभावों को समझने के लिए और अधिक शोध की जरूरत है। ब्रेनन शुरुआती तौर पर कोरोना का पता लगाने के प्रयास के उद्देशय से पाचन लक्षणों की जागरूकता पर एक प्रेस रिलीज भी जारी कर चुके हैं।
 पहले पता चलने पर कोरोना को रोकने में मिलेगी मदद
इस अध्ययन में, पाचन लक्षणों वाल कोविडृ- 19 रोगियों में खराब नैदानिक परिणाम और मृत्यु दर का अधिक जोखिम पाया गया जबकि जिन लोगों में पाचन संबंधी लक्षण नहीं पाए गए उनकी मृत्यु दर कम रही। इसलिए दस्त जैसे लक्षणों के महत्व पर जोर दिया जा रहा है ताकि कोविड -19 को बीमारी के शुरुआती लक्षणों के साथ श्वसन संबंधी लक्षण विकसित न हो और उनका पता पहले ही लगाया जा सके। ऐसा होने पर कोरोना का जल्दी पता लगाया जा सकता है, जिससे सही इलाज प्राप्त किया जा सकता है और दूसरों में इसे फैलने से रोका जा सकता है।
पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए करें ये उपाय
-फाइबर युक्त आहार जैसे साबुत अनाज, फल, सब्जियां व फलियां का अधिक सेवन करें।
-हाइड्रेट रहें। और ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं।
-धूम्रपान, अधिक कैफीन और अल्कोहल से दूरी बनाए।
-बेल, पपीता, अनार, संतरा, आम, अमरूद, और नाशपाती जैसे फल खाएं। इनके सेवन से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। 
-रोजाना सुबह एक्सरसाइज करें। 

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