करेले के उपयोग से कर सकते हैं रोजमर्रा की छोटी-छोटी समस्याओं को ऐसे दूर.....
करेले की सब्जी हर किसी को पसंद नहीं आती। इसका स्वाद भले ही कड़वा होता है, लेकिन सेहत के लिए यह काफी फायदेमंद है। करेले के कई औषधीय फायदे भी हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे करेले के उपयोग से आप कर सकते हैं रोजमर्रा की छोटी-छोटी समस्याओं को दूर...
- पथरी की शिकायत है तो करेले के रस का सेवन करें तो बहुत लाभ होगा। इससे पथरी निकलने में मदद मिलेगी। ताजे करेले के रस का ही सेवन करें। कान में दर्द है तो करेले का रस निकालकर 4-4 बूंदें कान में डालें।
-अगर करेले की जड़ ना मिले तो करेले के पत्ते को पीसकर थोड़ा गर्म करके पट्टी में बांधकर घाव पर लगा दें। इससे पस निकल जाएगी। घाव में होने वाले दर्द को भी करेले से कम किया जा सकता है.
- घाव या फोड़ा होने पर करेले की जड़ को घिसकर फोड़े या घाव वाली जगह पर दें। इससे फोड़ा भी निकल जाएगा और पस भी निकल जाएगी।
-पेट संबंधी दिक्कतों को दूर करने में करेला बहुत लाभदायक है। कम ही लोग जानते होंगे करेला और इसके जूस के अलावा करेले की पत्तियां और छिलका भी बहुत लाभदायक होता है।
- करेला मधुमेह में रामबाण औषधि का काम करता है। करेले के टुकड़ों को छाया में सुखाकर पीसकर महीन पाउडर बना लें। रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच पाउडर का पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है। एक-चौथाई कप करेले के रस में समान मात्रा में गाजर का रस मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। 10 ग्राम करेले के रस में शहद मिलाकर रोजाना पीने से मधुमेह नियंत्रण में रहता है। 10 ग्राम करेले के रस में 6 ग्राम तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर रोज सुबह खाली पेट पीना लाभकारी है। एक करेले को एक कप पानी में अच्छी तरह उबालकर पिएं। आप इसमें हरे सेब का रस, आंवले का रस या 2-3 चुटकी हींग मिलाकर पी सकते हैं।रोजाना 5 ग्राम करेले का रस पीते रहने वाले लोगों को डायबिटीज में फायदा दिखने लगता है>
- करेले में मौजूद बिटर्स और एल्केलाइड तत्व रक्त शोधक का काम करते हैं। करेले की सब्जी खाने और मिक्सी में पीस कर बना लेप रात में सोते समय लगाने से फोड़े-फुंसी और त्वचा रोग नहीं होते। दाद, खाज, खुजली, सियोरोसिस जैसे त्वचा रोगों में करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीना फायदेमंद है।
-करेला रक्तशोधक होता है। चर्म रोगी को भी यह लाभकारी है। फोड़े फुंसी तथा अन्य चर्म रोगों पर करेले का रस लगाने से बहुत लाभ होता है। प्रतिदिन सुबह-शाम आधा चम्मच रस बराबर मात्रा में शहद के साथ लेने से खून की खराबियों को दूर करता है तथा खून साफ हो जाता है। करेला खून की शुद्धि करने में पूरी तरह सक्षम है। यदि त्वचा-रोग हो तो भी रक्त-शुध्दि हेतु करेले का रस कुछ दिनों तक आधा-आधा कप पीना लाभदायक है। इस प्रकार करेला अनेक रोगों में औषधि रूप में काम आ सकता है बशर्ते उसे उसी रूप में लिया जाये- रस या सब्जी बनाकर।
- करेले में मौजूद खनिज और विटामिन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं जिससे कैंसर जैसी बीमारी का मुकाबला भी किया जा सकता है।
- करेला हमारी पाचन शक्ति को बढ़ाता है जिसके कारण भूख बढ़ती है। करेले ठंडा होता है, इसलिए यह गर्मी से पैदा हुई बीमारियों के उपचार के लिए फायदेमंद है। यदि पाचन शक्ति कमजोर हो तो किसी भी प्रकार करेले का नित्य सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। करेला स्वयं भी शीघ्र पचता है।
-प्रति 100 ग्राम करेले में लगभग 92 ग्राम नमी होती है। साथ ही इसमें लगभग 4 ग्राम कार्बोहाइडेट, 15 ग्राम प्रोटीन, 20 मिलीग्राम कैल्शियम, 70 मिलीग्राम फास्फोरस, 18 मिलीग्राम, आयरन तथा बहुत थोड़ी मात्रा में वसा भी होती है। इसमें विटामिन ए तथा सी भी होती है जिनकी मात्रा प्रति 100 ग्राम में क्रमश: 126 मिलीग्राम तथा 88 मिलीग्राम होती है।
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