वैक्सीन की पहली डोज के बाद कैसे रिएक्ट करता है शरीर? समझें कोरोना से बचाव में वैक्सीन की भूमिका
18 साल और इससे ऊपर उम्र वाले सभी लोगों के कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य आज से शुरू हो गया । इस आलेख के माध्यम से हम जानेंगे कि वैक्सीन बॉडी में जाकर किस तरह रिएक्ट करती है। जिन लोगों ने पहले वैक्सीन लगवाई है उन्होंने हल्के बुखार, थकान और हाथ में भारीपन, सिर में दर्द, बॉडी पेन की शिकायत की । ये सामान्य लक्षण हैं जो किसी भी वैक्सीन के लगने पर देखें जाते हैं। कोरोना वैक्सीन लगवाने से संक्रमित होने की आशंका घट जाती है क्योंकि वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडी बनाने का काम करती है। कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को कोरोना के गंभीर लक्षण होने की आशंका कम होगी। इस बारे में ज्यादा जानकारी लखनऊ के केयर इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ. सीमा यादव ने दी है।
उनके अनुसार वैक्सीन का पहली डोज लगते ही दो तरह के वाइट ब्लड सैल्स एक्टिवेट हो जाएंगे। पहला प्लाज्मा बी सैल्स जो कि एंटीबॉडी बनाने का काम करता है और दूसरा टी सैल्स, जो पैथोजन की पहचान कर उसे खत्म करने का काम करेगा। आसान भाषा में कहें तो वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद शॉट आपके शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करेगी जिससे आपको वायरस से बचाया जा सकेगा। ये जरूरी नहीं है कि जिन लोगों को वैक्सीन लगी है उन्हें कोरोना का खतरा नहीं होगा क्योंकि हर व्यक्ति की इम्यूनटिी पॉवर अलग होती है। वैक्सीन के जरिए शरीर में एंटीबॉडी बनाई जाती है जो एक तरह का प्रोटीन है। इसे न्यूट्रलाइजिंंग एंटीबॉडी कहा जाता है। न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी बॉडी में घुसने वाले वायरस के खिलाफ काम करता है।
कोरोना वैक्सीन के माइल्ड सिम्टम्स से डरें नहीं
बहुत से लोगों को वैक्सीन लगवाने में डर लग रहा है क्योंकि उन्हें लगता है कि वैक्सीन उनके शरीर में जाकर नेगेटिव असर करेगी जबकि ऐसा नहीं है। कोविशील्ड और कोवाक्सीन दोनों को ही क्लीनिकल परीक्षण के बाद लोगों को लगाया गया है। जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है उन्होंने बताया कि वैक्सीन लगने के दिन बुखार आया, वहीं किसी ने कहा कि वैक्सीन से हाथ में भारीपन महसूस हुआ वहीं कुछ ने थकान लगने की शिकायत की. लेकिन इन बातों से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स नहीं है। किसी भी वैक्सीन के लगने पर बुखार आना सामान्य सी बात है, बुखार आना इस बात का प्रूफ है कि ठीक तरह से वैक्सीन लगाई गई है। इन हल्के लक्षणों से डरे नहीं। एक से दो दिन में बिल्कुल नॉमर्ल हो जाएंगे। सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लेनी है, नहीं तो शरीर में एंटीबॉडी की ग्रोथ ठीक तरह से नहीं हो पाएगी और लोग आसानी से वायरस की चपेट में आ सकते हैं।
कोरोना वैक्सीन की पहली डोज कितनी फायदेमंद होगी?
अनुमान के मुताबिक वैक्सीन की पहली डोज 52 प्रतिशत इफेक्टिव होगी। हालांकि पहली डोज लेते ही इम्यूनिटी नहीं बनती उसमें समय लगता है इसलिए दूसरी डोज स्किप न करें। दोनों डोज लें ताकि आपकी बॉडी में ज्यादा एंटीबॉडी बने और टी-सैल्स की मात्रा भी ज्यादा हो। अगर वैक्सीन लगने के बाद कोविड हो भी गया तो डॉक्टरों के मुताबिक गंभीर लक्षण होने की आशंका वैक्सीन लगने से कम हो जाएगी।
Leave A Comment