भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की चेतावनी- कोरोना के लक्षणों को बढ़ा सकती हैं गलत दर्द निवारक दवाएं, रहें सावधान
कोरोना वायरस के मामले दिन ब दिन आसमान छू रहे हैं। इस बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने पेन किलर्स नहीं खाने का सुझाव दिया है। आईसीएमआर ने कहा है कि आईब्रूफिन जैसी कुछ अन्य दर्दनिवारक दवाएं कोरोने के लक्षणों को और बढ़ा सकती हैं। इस तरह की दवाओं के सेवन से कोविड -19 के लक्षण और भी गंभीर हो सकते हैं। इसलिए नॉन स्टीरॉयड एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं लेने से बचें। इन दवाओं की जगह जरूरत पडऩे पर आप पैरासीटमऑल का इस्तेमाल कर सकते हैं। आईसीएमआर ने मरीजों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न श्रंख्ला में इसका जवाब देते हुए इस तरह की दवाओं को स्वास्थ्य के लिए घातक बताया है। साथ ही बिना बीमारी में बिना चिकित्सक की सलाह के इन दवाओं का सेवन नहीं करने की सलाह दी है।
इन रोगों के मरीज दें खास ध्यान
आईसीएमआर ने तमाम आशंकाओं को खारिज करते हुए यह साफ कर दिया कि किसी अन्य या सामान्य व्यक्ति की तुलना में हाईपरटेंशन , हृदय रोग और मधुमेह के रोगियों को में कोविड 19 के संक्रमण का अधिक खतरा नहीं है। अब तक ऐसा कोई साक्ष्य़ सामने नहीं आया है। हां लेकिन ऐसे रोगियों में कोरोना के मामले बेहद गंभीर भी हो सकते हैं। इसलिए ऐसे रोगियों को अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता है। साथ ही आईसीएमआर ने किडनी और हृदय रोगों से ग्रस्त लोगों को चेताते हुए पेन किलर नहीं खाने की सलाह दी है।
आईसीएमआर ने किया दावा
आईसीएमआर का यह दावा है कि देश में 80 प्रतिशत कोरोना मरीजों में खांसी, बुखार और गले में दर्द आदि जैसे सामान्य लक्षण ही देखे जा रहे हैं। आईसीएमआर द्वारा यह कहा गया है कि उच्च रक्तचाप की दवाओं से कोरोना संक्रमण की गंभीरता बढऩे का अभी तक कोई साक्ष्य नहीं मिला है। उच्च रक्तचाप के मरीज अगर इन दवाओं के सेवन को प्रतिबंधित कर देंगे तो यह उन्हीं के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। उच्च रक्तचाप की दवाएं हार्ट फेल होने से रोकती हैं। इसलिए इनका सेवन न छोड़ें।
वैक्सीन के तुरंत बाद पेन किलर न लें
चिकित्सकों के अनुसार हम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन लगवाते हैं, लेकिन अगर वैक्सीन लगवाने के तुरंत बाद किसी प्रकार का दर्द हो तो पेनकिलर लेने से बचें। ऐसा करना हमारी इम्यूनिटी को प्रभावित कर सकता है। इसके बाद भी अगर पेन किलर खाने की आवश्यकता पड़े तो चिकित्सक से पूछकर ही इसका प्रयोग करें। ऐसा करना आपके शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
डायबिटीज पर दें ध्यान
आईसीएमआर ने डायबिटीज के रोगियों को खासतौर पर अपनी दिनचर्या में बदलाव लाने की सलाह दी है। उन्हें अपने शुगर के स्तर को व्यायाम आदि के जरिए नियंत्रित रखने लिए कहा गया है। आईसीएमआर ने कहा कि आमतौर पर अनियंत्रित डायबिटीज के रोगियों को कोरोना संक्रमण होने का अधिक खतरा रहता है। डायबिटीज के मरीज यदि संक्रमित हो जाएं तो उनके ग्लूकोज के स्तर पर की देखरेख करने के साथ ही उनके शरीर में इंसुलिन की मात्रा को दोबारा से नियंत्रित करने की जरूरत होती है।
शारीरिक गतिविधियों में लाएं बदलाव
कोरोना काल में अपनी गतिविधियों में बदलाव लाना बेहद जरूरी है। ऐसे में कोरोना के खतरे को और बढ़ा देने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करने वाले पदार्थों जैसे शराब और धूम्रपान आदि के सेवन से बचें। साथ ही शारीरिक गतिविधियों पर जोर देते हुए नियमित रूप से व्यायाम करें। खान पान पर विशेष ध्यान देते हुए पौष्टिक आहार जैसे प्रोटीन, फाइबर और सब्जियां आदि का सेवन जरूर करें। अगर आप मांसाहारी हैं तो मांस का सेवन भी जारी रख सकते हैं।
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