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 कोरोना के नए स्ट्रेन में मरीजों को क्यों हो रहा है निमोनिया? जानें किन लक्षणों से करें कोविड निमोनिया की पहचान
 कोरोना की नई लहर में लोगों को निमोनिया क्यों हो रहा है? कोविड के शुरूआती लक्षण वैसे तो माइल्ड ही होते हैं पर निमोनिया एक परेशानी हो सकती है। कुछ गंभीर केस में कोविड निमोनिया, रेसपिरेट्री फेलियर का कारण बन सकता है।  कोविड निमोनिया के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में और अधिक जानकारी दे रहे हैं लखनऊ में डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संजीत कुमार सिंह।
 कोविड निमोनिया क्या होता है?  
निमोनिया लंग्स (फेफड़ों) का एक इंफेक्शन है। वायरस, बैक्टीरिया और फंगी के कारण निमोनिया होता है। निमोनिया कोविड का एक लक्षण भी हो सकता है जिसे हम कोविड निमोनिया के नाम से जानते हैं।  वैसे तो कोविड निमोनिया के लक्षण एकदम आम निमोनिया जैसे होते हैं इसलिए इनमें पहचान करना मुश्किल हो जाता है। जिन्हें कोविड निमोनिया होता है उन्हें दोनों लंग्स में इंफेक्शन होता है जबकि निमोनिया में ज्यादातर इंफेक्शन एक लंग में होता है। वहीं सीटी-स्कैन और एक्स-रे के जरिए डॉक्टर कोविड निमोनिया की पहचान कर लेते हैं।
 नए कोविड स्ट्रेन में लोगों को क्यों हो रहा है निमोनिया?
सार्स-कोव-2 का इंफेक्शन तब शुरू होता है जब वायरस में मिले हुए रेस्पिरेट्ररी ड्रॉपलेट्स शरीर के अपर रेस्पिरेट्ररी ट्रैक्ट में जाते हैं। जैसे-जैसे वायरस मल्टीप्लाई होता है इंफेक्शन लंग्स में फैलने लगता है। जब ऐसा होता है तो व्यक्ति  के शरीर में निमोनिया होता है। जो ऑक्सीजन आप सांस लेने के लिए अंदर भरते हैं वो एल्विओली से होकर जाती है। जब कोविड इंफेक्शन होता है तो कोरोना एल्विओली को डैमेज कर देता है। जैसे ही इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ता है, लंग्स में डेड सैल्स और फ्लूड बनने लगता है। इससे सांस लेने में परेशानी होती है। 
कोविड निमोनिया के लक्षण क्या हैं?   
कोविड निमोनिया के लक्षण निमोनिया जैसे ही होते हैं जैसे बुखार आना, ठंड लगना या गले में खराश होना। 
इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द या थकान भी कोविड निमोनिया के लक्षण हैं।  कोविड निमोनिया के गंभीर लक्षण में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।  इसके साथ ही अगर चेहरे का रंग बदले या हॉर्टबीट में बदलाव हो तो भी तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। 
कोविड निमोनिया का पता कैसे लगाया जाता है?  
कोविड निमोनिया का पता लगाने से पहले कोविड का पता लगाया जाता है। रेस्पिरेट्ररी सैंपल में वायरल जेनेटिक मटेरियल मिलने पर कोविड कंफर्म होता है। आरटी-पीसीआर या एंटीजन टेस्ट में नाक और गले का सैंपल, स्वैब पर लेकर उसे टेस्ट किया  जाता है। इसके बाद निमोनिया के लक्षण व्यक्ति में नजर आते हैं तो एक्स-रे या सीटी-स्कैन की मदद से लंग्स की कंडीशन देखी जाती है। इससे डॉक्टर को पता चलता है कि कोविड निमोनिया के चलते फेफड़ों में क्या बदलाव आ रहा है। इसके अलावा कोविड निमोनिया का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट जैसे कंप्लीट ब्लड काउंट सीबीसी या मेटाबॉलिक पैनल टेस्ट भी किया जाता है। 
  किन लोगों को कोविड निमोनिया होने काखतरा ज्यादा है?   
1. जिन लोगों की उम्र ज्यादा है या 65 पार है उन्हें कोविड निमोनिया होने की आशंका ज्यादा हो सकती है। 
2. मेडिकल स्टॉफ को भी कोविड निमोनिया होने की आशंका ज्यादा होगी। 
3. जो लोग लंग डिसीज से पीडि़त हों, उन्हें कोविड निमोनिया हो सकता है। 
4. अस्थमा या हॉर्ट डिसीज के मरीजों को कोविड निमोनिया होने की आशंका ज्यादा होगी। 
5. लीवर डिसीज या डायबिटीज के मरीजों को भी कोविड निमोनिया हो सकता है।  
6. मोटापे या कमजोर इम्यूनिटिी वाले व्यक्तियों के लिए कोविड निमोनिया की आशंका सबसे ज्यादा है। 
7. कैंसर मरीज या एचआईवी से पीडि़त व्यक्ति  को भी कोविड निमोनिया हो सकता है। 
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