क्या कोरोना मरीजों के लिए एक जरूरी दवा है रेमडेसिविर इंजेक्शन? डॉक्टर से जानें इसके बारे में
रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। क्या इसका कोई विकल्प नहीं है? इसके साइड इफेक्ट क्या है? चलिए जानते हैं...
इन दिनों रेमडेसिविर इंजेक्शन का नाम सभी लोगों के जुबां पर है। दरअसल, रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना के गंभीर मरीजों को दी जाने वाली एक दवा है। इसकी मांग इस कदर है कि बाजार में इसकी भारी कमी हो गई है और कालाबाजारी चल रही है। यहां तक कि कई लोग नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी धड़ल्ले से बेच रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? क्या रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना की एक जरूरी दवा है? इन सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं सीएचसी छपरौली के डिप्टी सीएमओ और एमएस डॉक्टर अरविंद मलिक।
क्या है रेमडेसिविर इंजेक्शन
रेमडेसिविर एक एंटी-वायरल दवा है। इबोला वायरस महामारी के समय इस दवा का इस्तेमाल किया गया था। साथ ही मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम से लडऩे के लिए बनाया गया था। अब कोरोना मरीजों के लिए भी यह लाभकारी साबित हो रहा है। कोरोना मरीजों में इसका इस्तेमाल करने से मरीज के शरीर में वायरस की संख्या बढ़ती नहीं है। यह इंजेक्शन वायरस की नई प्रतियां बनाने से रोकता है। रेमडेसिविर सिर्फ इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए ही उपयोगी है।
किन लोगों को दिया जाता है रेमडेसिविर इंजेक्शन
रेमडेसिविर इंजेक्शन सभी मरीजों के लिए फायदेमंद नहीं होता है। यह कुछ ही मरीजों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। सामान्य लक्षणों वाले मरीजों को यह दवा नहीं दी जाती है। जिन मरीजों का ऑक्सीजन सैचुरेशन कम हो रहा है और सामान्य ऑक्सीजन देने से उसमें सुधार हो जाता है, तो इस इंजेक्शन को देने से बचना चाहिए। अगर मरीज हाई फ्लो ऑक्सीजन देना पड़ रहा हो या वेंटिलेटर पर हो तो ही इस दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है। वेंटिलेटर वाले मरीजों को ही रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जाता है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन के साइड इफेक्ट
डॉक्टर अरविंद मलिक कहते हैं कि सभी दवाइयों के कुछ फायदे तो कुछ नुकसान भी होते हैं। ऐसे में हर दवा को डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए। रेमडेसिविर लेने से एलर्जी जैसे खुजली, हल्के लाल चकत्ते की समस्या हो सकती है। साथ ही हार्ट और लीवर के मरीजों पर भी इसका साइड इफेक्ट नजर आ सकता है। यह पेट में दर्द और उल्टी का कारण भी बन सकता है। ब्लड प्रेशर कम होने पर, मतली, उल्टी, पसीना और कंपकंपी होने पर इसे देने से मरीज में रिएक्शन हो सकता है।
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