चीनी से भी 3 सौ गुना मीठी है ये.....कई रोगों में लाभकारी
स्टेविया या स्टीविया माने मीठी तुलसी , सूरजमुखी परिवार (एस्टरेसिया) के झाड़ी और जड़ी बूटी के लगभग 240 प्रजातियों में पाया जाने वाला एक जीनस है, जो पश्चमी उत्तर अमेरिका से लेकर दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। स्टेविया रेबउडियाना प्रजातियां, जिन्हें आमतौर पर स्वीटलीफ, स्वीट लीफ, सुगरलीफ या सिर्फ स्टेविया के नाम से जाना जाता है, मीठी पत्तियों के लिए वृहत मात्रा में उगाया जाता है।
स्टीविया की पत्तियों में चीनी से तीन सौ गुना अधिक मीठा होता है। इसी मिठास के कारण इसे हनी प्लांट भी कहा जाता है। स्टीविया जिसे मधुरगुणा के नाम से भी जाना जाता है। इसमें डायबिटीज को दूर करने के गुण होते हंै। स्टेविया नाम की जड़ी बूटी चीनी का स्थान ले सकती है और खास बात ये कि इसे घर की बगिया में भी उगाया जा सकता है। यह शून्य कैलोरी स्वीटनर है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। इसे हर जगह चीनी के बदले इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे तैयार उत्पाद न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि दिल के रोग और मोटापे से पीडि़त लोगों के लिए भी फायदेमंद हैं। स्टीविया न केवल शुगर बल्कि ब्लड प्रेशर, हाईपरटेंशन, दांतों, वजन कम करने, गैस, पेट की जलन, त्वचा रोग और सुंदरता बढ़ाने के लिए भी उपयोगी होती है। यही नहीं इसके पौधे में कई औषधीय व जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं।
वैसे स्टीविया मूल रूप से जापान का पौधा है किंतु जैसे-जैसे इसकी खूबियों के बारे में पता चलता गया। वैसे ही वैसे इसकी व्यवसायिक खेती को बढ़ावा मिला। वहीं भारतवर्ष में भी कई राज्यों में इसकी खेती प्रारंभ हो चुकी है। स्टीविया शाकीय पौधा है। इसको खेत में उगाया जाता है और इसकी पत्तियों का उपयोग होता है। यह चीनी से तीन सौ गुना अधिक मीठा होता है, इसे पचाने से शरीर में एंजाइम नहीं होता और न ही ग्लूकोस की मात्रा बढ़ती है। आज के समय में स्टीविया का कई शुगर फ्री पदार्थो को बनाने के लिए भी प्रयोग किया जाने लगा है।
स्टीविया एक छरहरा सदाबहार शाकीय पौधा है। इसकी मिठास के कारण इसे हनी प्लांट भी कहा जाता है। इसका उपयोग हर्बल औषधि में डायबिटीज रोगियों के लिए टॉनिक के रूप में भी किया जाता है। स्टीविया पैंक्रियाज से इंसुलिन को रिलीज करने में अहम भूमिका निभाता है। यह इंसुलिन प्रतिरोध में वृद्धि, ग्लूकोज के अवशोषण को रोककर और अग्न्याश के स्वास्थ्य को बढ़ावा देकर ब्लड शुगर को स्थिर करता है।
आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार स्टीविया से शुगर के अलावा मोटापे से भी निजात पाई जा सकती है। मोटापे के शिकार व्यक्तियों के लिए भी यह पौधा किसी वरदान से कम नहीं है। ब्राजील में जर्नल एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, स्टीविया से हाइपरटेंशन से पीडि़त लोगों में रक्तचाप के स्तर को कम किया जा सकता है। एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी इंफ्लेमेंटरी गुणों से भरपूर होने के कारण, स्टीविया मुंहासों और रूसी की समस्या से छुटकारा पाने में मदद करता है। इसके अलावा यह ड्राई और डैमेज बालों को ठीक करने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। स्टीविया में विशिष्ट संयंत्र ग्लाइकोसाइड की उपस्थिति, पेट के अस्तर में होने वाली जलन को दूर करने में मदद करता है। इस तरह से अपच और हार्टबर्न के उपचार में मदद करता है।
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