एंटीवायरल गुणों से भरपूर है भुई आंवला... जानें उपयोग का तरीका
आयुर्वेद में हमारी कई बीमारियों का प्राकृतिक इलाज है। इन प्राकृतिक इलाजों के लिए आमतौर पर जड़ीबूटियों, मसालों और हब्र्स की मदद ली जाती है। ऐसा ही एक आयुर्वेदिक हर्ब है भुई आंवला या भूमि आंवला । ये पतली-पतली आंवले की पत्तियों जैसा पौधा हमारे यहां पानी वाली जगहों के पास या पानी की क्यारियों के पास हर जगह मिल जाता है। पर क्या आपको पता है कि ये छोटा सा पौधा आपके लिए कितना फायदेमंद है? इस छोटे से पेड़ के बड़े फायदों के बारे में इनक्रेडिबल आयुर्वेद संस्था के संस्थापक और आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी बताते हैं कि ये एक पौधा कई एंटीवायरल गुणों की भरमार है।
भूमि आंवला के फायदे
1. लिवर टॉनिक है भूमि आंवला
भूमि आंवला लिवर की बीमारियों के लिए रामबाण इलाज है। ये लिवर में हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीवायरल गतिविधियों के कारण होने वाले किसी भी नुकसान से बचाता भूमि आंवला लिवर में सूजन, पीलिया और कमजोर लिवर की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा ये लिवर के काम-काज को भी तेज करता है और डिटॉक्सीफिकेशन के प्रोसेस को तेज करता है। जिन लोगों को मतली या खाना न पचा पाने की परेशानी है या खाने के बाद दस्त आने की परेशानी होती है, उनके लिए भी ये बहुत फायदेमंद है।
2. पेशाब से जुड़ी परेशानियों को कम करता है
पेशाब से जुड़ी परेशानियों को दूर भगाने में भूमि आंवला बहुत फायदेमंद है। असल में ये डाइयूरेटिक गुणों से भरपूर है, जो कि पेशाब की परेशानी को दूर करते हैं और यूटीआई इंफेक्शन को भी दूर करते हैं। इसके अलावा ये शरीर से पानी और सोडियम को बाहर निकालने में भी मदद करते हैं। ये हाई ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद करते हैं।
3. डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार
पुराने जमाने में डायबिटीज में मरीज भुई आंवला को चबाया करते थे और उनका मानना था कि ये ब्लड शुगर को संतुलित करने में भी मददगार है। वहीं कुछ शोध बताते हैं कि इसका अर्क या रस ब्लड शुगर को कम करने और इसमें अचानक होने वाली बढ़ोतरी को कम करते हैं। साथ ही ये डायबिटीज के मरीज में मेटाबोलिज्म को सही करके वजन संतुलित रखने में मदद करते हैं।
4. खांसी और जुकाम
भूमि आंवला में कफ को संतुलित करने का गुण होता है इसलिए ये खांसी, अस्थमा, सांस फूलना और सांस से जुड़ी परेशानियों को कम करता है। इसका आप काढ़ा बना कर या कई प्रकार से इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल इसके एंटी वायरल गुण मौसी इंफेक्शन और बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। इसमें कुछ एंटी ऑक्सीडेंट गुण भी जाते हैं, जो कि आपकी इम्यूनिटी बूस्ट करके आपको मौसम बदलने के साथ होने वाले फ्लू और सर्दी जुकाम से बचाते हैं।
5. टायफाइड के बुखार को कम करता है
भूमि आंवला अपने कड़वे रस के कारण और पित्त संतुलन में मदद करता है। ये टायफाइड के बुखार को भी कम करता है और दवाओं के साथ इसके प्रभाव को बढ़ाता है। ये चयापचय को भी ठीक करने में मदद करता है और शरीर से गंदगी को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
6. अपच और एसिडिटी में कारगर
अपच और एसिडिटी होने पर भूमि आंवला के पत्तों को चबाने से इससे राहत मिलती है। दरअसल ये पित्त संतुलन को सही करता है और पेट की गर्मी को शांत करता है। इसके अलावा इसका रेगुलर सेवन करने से ये पाचनतंत्र को सही करता है और अपच और एसिडिटी की परेशानियों को कम करने में मदद करता है। साथ ही पेट में एसिड के रिलीज को भी कम करता है। इसके अलावा अगर आपका पेट खराब है ये आपको दस्त की परेशानी हो रही है, तो भूमि आंवला को पानी में पकाएं। जब पानी एक चौथाई रह जाए तो मेथी का चूर्ण 5 ग्राम मिलाएं। इसे उबालते रहें और इसे छानकर पिएं। इसे थोड़ा-थोड़ा पीने से दस्त पर रोक लगाने में मदद मिल सकती है।
7. गठिया के दर्द से आराम दिलाता है
अगर आपके शरीर में वात ज्यादा है या आपको गठिया की समस्या है तो भूमी आंवला का सेवन इस परेशानी को कम करने में मदद कर सकता है। इसके लिए भूमी आंवला को पीस कर इसमें काला नमक मिलाकर दर्द वाली जगह पर लगाएं। इससे गठिया के दर्द से आराम मिलेगा।
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