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 पाचन क्रिया को बढ़ावा देगा ये शरबत
गर्मी के दिनों में एक ग्लास बेल का शर्बत  आपकी सारी परेशानी दूर कर देता है। इसका शीतल गुण शरीर को ठंडक प्रदान करता है। बेल गर्मी के लिए औषधि है, यह शरीर को हाइड्रेट रखने में हमारी मदद करता है।  यह देशी फल पोषक तत्वों और औषधीय गुणों से भरपूर है।
 बेल का पोषण वैल्यू बहुत ज्यादा है। अध्ययन के अनुसार, बेल फल में पानी, शुगर, प्रोटीन, फाइबर, फैट, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, आयरन के अलावा विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी और राइबोफ्लेविन होते हैं। इसका शरबत आप सादे पानी या फिर दूध डालकर भी बना सकते हैं। 
 बेल, हृदय और मस्तिष्क के लिए टॉनिक का काम करता है। यह हमारी आंतों या पेट के अनुकूल भी है और पारंपरिक रूप से कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए बेल का उपयोग किया जाता है। इसमें टैनिन, फ्लेवोनोइड्स और कैमारिन जैसे रसायन होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं। जर्नल फार्मा इनोवेशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, बेल के पेड़  के सभी हिस्से उपयोगी होते हैं, लेकिन फल का औषधीय महत्व अधिक है। अध्ययन के मुताबिक, बेल एक सुगंधित, शीतल और रेचक  होता है। यह स्राव या रक्तस्राव को रोकता है। कच्चा या आधपका फल भी पाचन के लिए अच्छा हो सकता है। गर्मी में पके बेल का शरबत बनाकर पीना फायदेमंद होता है। यह स्कर्वी को रोकने या ठीक करने में उपयोगी है। यह पेट को मजबूत करता है और पाचन क्रिया को बढ़ावा देता है। बेल में एंटी-फंगल और एंटीहेल्मिंटिक गुण भी होता है, जो शरीर से आंतरिक परजीवी को बाहर निकालता है।
 बेल अल्सर को ठीक करने में मदद करता है 
शोध से पता चला है कि पेय के रूप में सेवन किए जाने पर बेल पेट के म्यूकोसा पर एक लेप बनाती है और अल्सर को ठीक करने में मदद करती है।
 बेल हैजा का इलाज करता है
बेल टैनिन का उच्च स्रोत है, जो हैजा के इलाज के लिए महत्वपूर्ण है। यह छिलके में लगभग 20 प्रतिशत और गूदे लगभग 9 प्रतिशत होता है। फल को हैजा का इलाज माना जाता है।
 बेल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है
बेल का रस लिपिड प्रोफाइल और ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित करता है, और रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। इसके सेवन से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले सकते हैं। 
 बेल मधुमेह का प्रबंधन करता है
बेल रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखता है, जिससे मधुमेह का प्रबंधन करने में मदद मिलती है। हालांकि, अधिक मात्रा में सेवन नहीं किया जाना चाहिए। और कुछ सावधानी भी बरतनी चाहिए। 
 बेल का शरबत बनाने में सावधानी जरूरी
शरबत बनाने के लिए बेल का अच्छी तरह से पका होना जरूरी होता है। बेल में नैचुरल शुगर होता है इसलिए उसमें अतिरिक्त चीनी मिलाने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे डायबिटीज रोगियों को नुकसान पहुंच सकता है। बेल का शरबत बनाने के लिए बर्फ का उपयोग बिल्कुल न करें। फ्रेश वाटर की मदद से शर्बत बनाना ज्यादा फायदेमंद होता है। सबसे जरूरी बात ये कि, इसका सेवन भी अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। अगर आप इसे किसी समस्या के इलाज के तौर पर उपयोग में लाना चाहते हैं तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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