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  शिशु और बच्चों को घी खिलाना कितना सुरक्षित है...जानें

  जन्म के  6 महीने बाद शिशु कुछ खाद्य पदार्थ जैसे फल, कुछ डेरी प्रोडक्ट्स खिलाए जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चों के लिए पोषक तत्व को उनकी डाइट में जोडऩा जरूरी है। लेकिन अगर हम बात पौष्टिक खाने की कर रहे हैं तो हम घी को कैसे भूल सकते हैं। पर माएं अपने बच्चे को घी खिलाने से पहले कई सवालों से घिर जाती हैं। वे सोचती हैं कि क्या इतने छोटे बच्चे को खिलाना फायदेमंद है  ? कहीं इसके सेवन से कोई नुकसान तो नहीं?  
  शिशु को घी खिलाना कितना है सुरक्षित?
6 महीने के बाद बच्चा घी का सेवन कर सकता है। इस पर हुई एक रिसर्च के मुताबिक 6 से 8 महीने के शिशु की डाइट में 0.6 kcal/g  को जोड़ सकते हैं। वहीं 12 से 23 महीने के बच्चे की डाइट में 1 kcal/g   जोड़ सकते हैं। ऐसा करने से उर्जा भरपूर मिलती है। इस शोध के मुताबिक बच्चे की डाइट में घी के साथ-साथ गुड, शहद, मक्खन, तेल आदि को भी उनकी डाइट में उर्जा के लिए जोड़ सकते हैं।
 बच्चे के लिए घी की सीमित मात्रा क्या है?
 हम सब जानते हैं कि घी उर्जा का प्रमुख स्रोत है। ऐसे में शिशु और छोटे बच्चों की डाइट में 1 टीस्पून घी जोड़ सकते हैं। इसकी जानकारी इंडियन जर्नल ऑफ़ प्रैक्टिकल पीडियाट्रिक्स में दी गई है।
  बच्चों और शिशु को घी देना कितना है फायदेमंद?
  घी के अंदर भरपूर मात्रा में विटामिन ए,  फैटी एसिड, ऊर्जा, कोलेस्ट्रोल, कैलोरी, मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड, विटामिन डी आदि महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं जो बच्चों के विकास में बेहद काम आ सकते हैं।  
 हड्डियों को मजबूत बनाएं घी - घी के सेवन से बच्चों की हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। घी के अंदर विटामिन ए और विटामिन डी मौजूद होते हैं जो हड्डी से जुड़ी बीमारियों जैसे ओस्टियोपोरोसिस, हड्डियों के विकास का रोग आदि को दूर करने में फायदेमंद हैं। ऐसे में घी के सेवन से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती है और उनका विकास भी प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।
इम्यूनिटी को बढ़ाएगी - बच्चों की इम्यूनिटी को बूस्ट करने में घी बेहद मददगार साबित हो सकता है। घी के सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। ऐसे में बच्चों की डाइट में 1 टीस्पून की जोडऩा एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
ऊर्जा का प्रमुख स्रोत जी - जैसा कि हमने ऊपर भी बताया बच्चों में उर्जा के लिए घी उनकी डाइट में जोडऩा जरूरी है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि घी एनर्जी बूस्टर का काम करता है।
वजन को बढ़ाए घी - अगर आप अपने शिशु का वजन बढ़ाना चाहते हैं तो घी को उनकी डाइट में जोडऩा एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि घी में फैट मौजूद होता है। ऐसे में घी को जोडऩे से वजन बढ़ाया जा सकता है वहीं ये ऊर्जा का भी स्रोत है। लेकिन इसकी अधिकता बच्चे का वजन ज्यादा मात्रा में भी बढ़ा सकता है।  
बच्चों का स्टैमिना बढ़े - घी के उपयोग से बच्चों की सहनशक्ति यानी स्टैमिना और याददाश्त को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि घी का सहनशीलता से क्या संबंध है इस पर और रिसर्च चल रही है। ऐसे में सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए बच्चों की डाइट में घी को जोडऩे से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
 घी देते वक्त बरतने वाली सावधानियां-
1 - बच्चों को सीमित मात्रा में घी दें।
 2 - अगर घी के सेवन से बच्चों में एलर्जी दिखाई दे तो तुरंत उसका सेवन रोकें और डॉक्टर से संपर्क करें।
 3 - बच्चे की डाइट में शुद्ध देशी घी को जोड़ें।
 घी खिलाने का तरीका
शिशु की डाइट में घी हलवे, खिचड़ी, दलिया, रोटी, चावल आदि में मिला कर दिया जा सकता है। इसके अलावा घी के लड्डू से भी बच्चों के शरीर में घी पहुंचाया जा सकता है लेकिन लड्डू खिलाने से पहले ध्यान रहे कि लड्डुओं का सेवन सीमित मात्रा में कराएं क्योंकि लड्डू में शुगर भी मौजूद होता है। 

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