शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने भोजन में क्या खाएं , क्या नहीं
आयुर्वेद के अनुसार भोजन एक तरह की औषधि है जो जीवन के तत्वों, भोजन और शरीर के बीच तालमेल बिठाते हुए किसी को भी स्वस्थ कर सकता है। आयुर्वेद का मानना है कि उचित खाद्य चयन और उचित समय पर भोजन ग्रहण करने से शांत दिमाग के साथ संपूर्ण सेहत बनाए रखने में मदद मिलती है। भगवद्गीता और योग शास्त्रों ने भोजन को उनके गुणों के आधार पर तीन प्रकार का बताया है। वह हैं सत्व (सतोगुण), राजस (रजोगुण) और तामस (तमोगुण)। सात्विक भोजन का मतलब ऐसे भोजन और खाने की आदतों को अपनाना है जो प्राकृतिक, जीवंत और उर्जा से भरपूर हो और जो धीरज एवं शांति प्रदान करता हो और लंबी उम्र, सुबोध, ताकत, सेहत और आनंद बढ़ाता हो।
राजसी भोजन वह है जो काफी मसालेदार, गर्म या तीखा, खट्टा एवं नमकीन स्वाद के साथ पकाया गया हो। राजसी भोजन नकारात्मकता, वासना और बेचैनी बढ़ाने वाले होते हैं। जड़ता का बोधक तामसिक भोजन वह है जो जरूरत से ज्यादा पकाया हुआ, बासी, फिर से गर्म किया हुआ, माइक्रोवेव में पकाया या ठंडा जमाया हुआ भोजन, मांस, मछली मांस-पक्षी, अंडे जैसे मृत भोजन, अल्कोहल, सिगरेट, और मादक दवाइयां इत्यादि हैं। तामसिक भोजन सुपाच्य नहीं होता है और निष्क्रियता एवं सुस्ती देता है तथा सोने को प्रेरित करता है। ऐसेे भोजन मोटापा, मधुमेह, हृदय एवं यकृत की बीमारियों के मुख्य कारण हैं। प्याज और लहसुन जैसे खाद्य पदार्थ दवाई के रूप में अच्छे हो सकते हैं लेकिन यह रोज खाने लायक नहीं है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के मौजूदा दिशा-निर्देश सुरक्षात्मक स्वास्थ्य उपायों और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए स्वयं ध्यान रखने के दिशा निर्देश दिए हैं। इन दिशा निर्देशों में कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरक्षा बढ़ाने के उपायों के रूप में हर्बल चाय और तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सौंठ (सूखी अदरक) और मुनक्का का काढ़ा जिसमें स्वाद के लिए गुड़ और /या ताजा नींबू रस मिला हो, पीने की सलाह दी गई है।
कभी-कभार खा सकते हैं- कम मसालेदार और तैलीय भोजन, लहसुन, प्याज, सीमित मात्रा में बेमौसम सब्जियां, पौल्ट्री , मांस, और मछली, ब्राउन ब्रेड, मक्खन, इडली, डोसा, ढोकला, पी- नट, बटर के साथ ब्राउन ब्रेड जैसे घर में बने कम वसा शर्करा वाले स्नैक्स, डिब्बाबंद भोजन अतिरिक्त चीनी और नमक हटाने के लिए धोने के बाद ही खाएंं,शर्करा की अधिकता वाले साफ्ट ड्रिंक, ब्राउन शुगर, आयोडिन युक्त नमक।
क्या खाएं- कच्चे और ताजे फल, रेशेदार भोजन जिसमें विटामिन ए, सी और ई पाए जाते हों, साबुत अनाज, दलहन, जौ, ब्राउन पास्ता, बाजरा और चावल और गेहूं की ताजी रोटियां, कम वसा वाला दूध, दही, बिना नमक के नट्स और सूरजमुखी, कद्दू, अलसी के बीज, जो विटामिन ई, नियासिन, राइबोफ्लेविन, प्रोटीन, स्वस्थ वसा, ऑक्सीकरण रोधी और फाइबर के बड़े स्रोत हैं। ताजा फलों का रस, कम वसा वाली लस्सी, नींबू पानी, नारियल पानी/ गर्म पानी, हर्बल चाय पॉलीफेनॉल्स, फ्लेवोनॉयड्स और एंटी ऑक्सीडेंट जो फ्री रेडिकल्स को नष्ट कर देते हैं। शहद और गुड़, अंडे का पीला भाग और अनाज से भरपूर नाश्ता, भारतीय औषधियां- धनिया, हल्दी, मेथी, तुलसी, लोंग, काली मिर्च, दालचीनी, अदरक और कड़ी पत्ता। इन मसालों में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फ्लेमेट्री गुण होते हैं। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर से किसी भी पदार्थ को निकालने में मददगार होते हैं । रॉक साल्ट रोज 5 ग्राम (1 चम्मच के बराबर) लेना चाहिए ।
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