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  इन बीमारियों में बहुत लाभकारी है जल पिप्पली...ऐसे करें उपयोग
जल पिप्पली एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है। इसका उपयोग शरीर के कई रोगों को नष्ट करने में किया जाता है। इसकी सही मात्रा सही लाभ देती है।
 आयुर्वेद में ऐसी कई वनस्पतियां हैं जो औषधि के रूप में काम आती हैं। इसी तरह जल पिप्पली है। यह जल में उगने वाला एक पौधा है, भारत समेत दुनिया के कई देशों में यह पाया जाता है।  जल पिप्पली का प्रयोग आयुर्वेद में सांस संबंधी बीमारियां, पुरुषों से जुड़ी बीमारियां और रक्त संबंधी बीमारियों में किया जाता है।   जल पिप्पली का वानस्पतिक नाम पिप्पिया नोडिफ्लोरा है। इसे फाइला नोडिफ्लोरा, लिप्पिया कैनेसेन्स भी कहा जाता है।  
 जल पिप्पली एनाल्जेसिक, एंटी-इन्फ्लामेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबायल, एंटीपारेटिक, एंटीट्युमर, लिपिड आदि गुण पाए जाते हैं। जल पिप्पली के निम्न फायदे हैं-
 1. आंखों को रखे स्वस्थ
जल पिप्पली का उपयोग आंखों की परेशानियों को दूर करने में बहुत लाभकारी है। इसमें आंखों की रोशनी बढ़ाने वाले गुण होते हैं। 
 2.  पुरुषों की परेशानियां
पुरुषों में स्पर्म काउंट की परेशानी को करने में जल पिप्पली बहुत लाभकारी है। यह स्पर्म की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों बढ़ाने में मददगार है। इसमें जल पिप्पली का पाउडर और जूस दोनों प्रयोग में लाए जा सकते हैं। 
 3.रक्त विकारों में मददगार
रक्त संबधी परेशानियों को दूर करने में जल पिपप्ली लाभकारी है। पुरुषों में हीमोफिलिया की परेशानी ज्यादा होती है। रक्त विकारों हीमोफिलिया के अलावा ब्लड क्लॉट, एनिमिया आदि जैसी परेशानियों में जल पिप्पली लाभ करती है। रक्त विकारों में जल पिप्पली का उपयोग जूस या चूर्ण के रूप में किया जा सकता है।  
 4. मुंह से जुड़ी परेशानियों में लाभकारी
मुंह में जलन, छाले आदि होने पर जल पिप्पली लाभकारी है। इसके अलावा मुंह से दुर्गंध आने पर भी जल पिप्पली को प्रयोग में लाया जाता है।  जल पिप्पली का काढ़ा बनाकर मुंह में घुमाने से मुंह से जुड़ी परेशानियों के निदान में मदद मिलती है। पर ध्यान रहे कि काढ़ा बनाने से पहले जल पिप्पली के पत्तों को साफ कर लें फिर पत्तों को उबालकर काढ़ा बनाएं।   इसके अलावा अगर  दांतों में दर्द हो रहा है तो  जल पिप्पली की पत्तियों को पीसकर दांतों में मलें या काढ़े को कुछ देर में मुंह रखें। इससे दांत दर्द ठीक हो जाएगा। 
 5. हाथों-पैरों, गले की जलन
हाथों या पैरों में जलन के कई कारण हो सकते हैं। इस बर्निंग सेंसेशन को दूर करने में भी जल पिप्पली लाभकारी है। इसके अलावा पेशाब में जलन होने पर  जल पिप्पली का सेवन लाभकारी है। जोड़ों के दर्द में भी जल पीपल लाभकारी है।  
 6. घाव भरने में लाभकारी
  जल पिप्पली के पत्ते एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इनका लेप बनाकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी सूख जाता है।  
7. सांस संबंधी परेशानियां
 सांस संबंधी परेशानियां होने पर जल पीपल की पत्तियों का रस निकालकर उसमें काली मिर्च का चुर्ण मिलाएं। इसका सेवन करने से सांस संबंधी परेशानियों में लाभ मिलता है।
 8.  सिर दर्द में लाभकारी
 सिर दर्द से निपटने में जल पिप्पली लाभकारी है। इसके लिए आपको जल पिप्पली की पत्तियों का लेप माथे पर लगाना है। इन पत्तियों से आपको राहत मिलेगी और तनाव रहित महसूस करेंगे। 
  

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