मिस्र पर 30 वर्ष तक शासन करने वाले पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद होस्नी मुबारक का निधन
काहिरा। मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति और तीस साल तक सत्ता पर काबिज रहे मोहम्मद होस्नी मुबारक का कल निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे। मिस्र के पूर्व वायुसेना अध्यक्ष होस्नी मुबारक 14 अक्तूबर 1981 को देश के उपराष्ट्रपति बने और केवल आठ दिन बाद एक सैन्य परेड के दौरान पूर्व राष्ट्रपति अनवर सादात की इस्लामी विद्रोहियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। होस्नी मुबारक ने मिस्र में मंद गति के, लेकिन मज़बूत आर्थिक विकास को दिशा दी और इस्राइल के साथ दशकों तक चले युद्ध के बाद अपने देश को सैन्य संघर्षों से आमतौर पर अलग बनाए रखा। एक समय, जब समूचा क्षेत्र एक के बाद दूसरे संकट से घिरा हुआ था, होस्नी मुबारक को इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ एक कठोर और भरोसेमंद अमरीकी भागीदार के तौर पर मान्यता मिली। उन्होंने 1990-91 के खाड़ी युद्ध में अमरीका के नेतृत्व वाले गठजोड़ की मदद के लिए अपने सैनिक भेजे और इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष के समाधान के प्रयासों में भी योगदान किया। लगभग तीन दशक तक सत्ता में बने रहने के बाद मुबारक को देशभर में 18 दिन चले विरोध प्रदर्शनों के बाद 11 फरवरी, 2011 को इस्तीफा देना पड़ा। बाद में मुबारक को गिरफ्तार कर लिया गया और 18 दिन चले विद्रोह के दौरान प्रदर्शनकारियों की मौत तथा भ्रष्टाचार के मामले में उन पर मुकदमा चलाया गया। उन्हें 2012 में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई लेकिन 2017 तक उन्हें सभी आरोपों से बरी करने के बाद रिहा कर दिया गया। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी, इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने मिस्र के नेता होस्नी मुबारक के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
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