भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर दुनियाभर में खुशी की लहर
वाशिंगटन/लंदन/सिंगापुर। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने की भारत की सफलता पर दुनियाभर में रहने वाले भारतीय प्रवासियों सहित विभिन्न लोगों ने खुशी जतायी है। भारत का चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6 बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला पहला देश बन गया। यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष और सीईओ मुकेश अघी ने कहा कि यह भारत के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा, “यह दर्शाता है कि भारत एक उभरती हुई वैज्ञानिक ताकत है जो दुनियाभर के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह गर्व का एक क्षण है जिसे हमें संजोने की जरूरत है। दुनिया युद्ध, गरीबी, जलवायु परिवर्तन और भूख से जूझ रही है, ऐसे में भारत इन मानव निर्मित चुनौतियों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” ‘एपेक्स एडवाइजर्स सिंगापुर' के अध्यक्ष गिरिजा पांडे ने कहा कि वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की इस शानदार वैज्ञानिक उपलब्धि से बहुत खुश हैं। पांडे ने कहा, “यह सभी भारतीयों को गौरवान्वित करेगा। इससे विशाल बाह्य अंतरिक्ष उद्योग में भारत के लिए दरवाजे खुलेंगे।” अंतरिक्ष यान इंजीनियर और बर्मिंघम विश्वविद्यालय में व्याख्याता डॉ. लीह-नैनी अलकोनसेल ने कहा कि चंद्रयान -3 की लैंडिंग इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के वर्षों के गहन प्रयासों से हासिल हुई बड़ी उपलब्धि है। अल्कोनसेल ने कहा, “इस जटिल, सामूहिक प्रयास को सफल होते देखना बहुत रोमांचक है। चंद्रयान-3 के मिशन के समर्पित विशेषज्ञों और बर्मिंघम विश्वविद्यालय में अंतरिक्ष विज्ञान एवं इंजीनियरिंग समुदाय की उपकरण टीमों को बहुत-बहुत बधाई।” ब्रिटिश भारतीय थिंक टैंक ‘1928 इंस्टीट्यूट' ने एक बयान में कहा कि यह “अग्रणी और साहसी” यात्रा ब्रह्मांड की गहन जानकारी की खोज में एक बड़ी छलांग है। थिंकटैंक ने कहा, “इस मिशन के निष्कर्ष चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के बारे में हमारी समझ को तेजी से बढ़ाएंगे और यह वास्तव में आश्चर्यजनक है कि भारत इसे हासिल करने वाला पहला देश है।” इसरो वैज्ञानिकों के इस कारनामे की प्रशंसा पाकिस्तान में भी हो रही है, जिसे अक्सर भारत का शत्रु कहा जाता है। चंद्रयान-3 मिशन ने पड़ोसी देश के आम लोगों को भी प्रभावित किया है। इस्लामाबाद के निवासी अयूब अख्तर ने कहा, “भारत आगे बढ़ रहा है, हम कहीं नहीं हैं।”
अख्तर के विचारों से सहमति जताते हुए कराची की शमीना बेगम ने कहा कि भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में पाकिस्तान से आगे निकल गया है, जबकि पाकिस्तान अत्यधिक महंगाई और आंतरिक संघर्षों के बीच भोजन व शिक्षा जैसी बुनियादी चीजों के लिए संघर्ष कर रहा है। सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसआईसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. टी चंद्रू ने कहा कि चंद्रयान- 3 का सफल प्रक्षेपण भारत की वैज्ञानिक उन्नति की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास ज्ञान की सीमाओं से आगे बढ़ने, नवाचार को बढ़ावा देने और पीढ़ियों को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करने की भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अमेरिका के टेक्सास में रहने वाले उद्यमी अरुण अग्रवाल ने कहा कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग एक ऐसी उपलब्धि है जिस पर न केवल भारतीयों को बल्कि पूरी दुनिया को गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत प्रगति करता रहेगा तो इससे दुनिया को प्रगति करने में मदद मिलेगी।”
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