ब्रह्ममुहूर्त में ये 2 काम बदल देंगे आपकी जिंदगी, सिर्फ निकालना है 1 घंटा
ब्रह्म मुहूर्त में जागने का महत्व हमारे पूर्वज जानते थे। इसे 'creator's hour) यानी रचना करने वाले का समय कहा जाता है। अब नई जनरेशन भी धीरे-धीरे सुबह जल्दी उठने के महत्व को समझ रही है। माना जाता है कि सुबह 4 बजे के आसपास का समय प्रोडक्टिविटी के लिए अच्छा होता है। अगर आप 4 बजे नहीं उठ पा रहे तो सूरज निकलने के करीब डेढ़ घंटे पहले का समय भी ठीक है। सुबह उठकर अगर आप 2 काम कर लेंगे तो आपका पूरा दिन और धीरे-धीरे जिंदगी बेहतर होने लगेगी।
बनें नियम के पक्के
सुबह जल्दी उठने के फायदे हमें बचपन से गिनवाए जा रहे हैं। अगर ज्यादातर सफल लोगों की दिनचर्या देखेंगे तो वे सुबह जल्दी उठते हैं और डिसिप्लिन के पक्के होते हैं। आप सुबह उठने का मन बना चुके हैं तो मॉर्निंग रूटीन में 30 मिनट प्राणायाम और 30 मिनट ब्रिस्क वॉक को जरूर शामिल करें।
करें प्रणव प्राणायाम
सुबह के वक्त प्रदूषण नहीं होता और इस वक्त अगर आप प्राणायाम करेंगे तो आपको शुद्ध हवा और ऑक्सीजन मिलेगी। आप अनुलोम-विलोम, भ्रस्तिका, भ्रामरी और प्रणव प्राणायाम कर सकते हैं। इनके अलग-अलग फायदे हैं। प्रणव प्राणायाम को शरीर की बीमारियां हरने वाला प्राणायाम भी माना जाता है। इसमें समाधि की अवस्था में जाकर ओम की ध्वनि पर फोकस करना होता है। सिंपल तरह से इसे करने के लिए गहरी सांस लें और सांस छोड़ते वक्त अ-उ-ओ-म (ओम) बोलें। आपको आंखें बंद रखनी हैं इस ओम को शरीर के अंदर महसूस करना है। यह आपके तनाव को कम करके अच्छे दिन की शुरुआत करने का बेहतरीन तरीका है। प्रणव प्राणायाम से आप गहरी सांस लेने के साथ मंत्र का उच्चारण करेंगे जो कि आपके पूरे सिस्टम को पॉजिटिव वाइब्रेशंस देने के साथ शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है।
ब्रिस्क वॉक
स्वस्थ और लंबी उम्र चाहते हैं तो वॉक करना जीवनभर जारी रखें। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 80 साल तक के लोग ब्रिस्क वॉक कर सकते हैं। बशर्ते उन्हें जोड़ों, सांस या दिल की बीमारी न हो। 80 के बाद नॉर्मल स्पीड से टहलें। अगर ब्रिस्क वॉक में दिक्कत है तो मॉर्निंग वॉक को दिनचर्या में जरूर रखें। ब्रिस्क वॉक में आप एक मिनट में 100 से ज्यादा कदम चलें। टहलन को आदत में डालें और जितने बार भी कुछ खाएं 100 कदम चलने की आदत डालें।
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