मप्र नेशनल पार्क में चीतों के बाड़े में घूम रहे तीन तेंदुओं में से एक पकड़ा गया
भोपाल |मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में चीतों के आगमन के लिए बने विशेष बाड़े में विचरण कर रहे तीन तेंदुओं को पकड़ने के लिए एक माह तक चले अभियान के बाद वनकर्मियों ने एक तेंदुओं को पकड़ लिया है। कुनो संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) प्रकाश कुमार वर्मा ने शनिवार को कहा कि एक तेंदुए को शुक्रवार शाम को सुरक्षित पकड़ लिया गया और उसे बेहोश कर दिया गया है। महत्वाकांक्षी स्थानान्तरण परियोजना के तहत चीतों के दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से केएनपी आने की उम्मीद है, हालांकि उनके आगमन की सटीक तिथि तय नहीं है। इस बीच, प्रदेश के लोक निर्माण विभाग द्वारा राष्ट्रीय उद्यान में दो हेलीपैड बनाना शुरु कर दिया गया है। इसके साथ ही कुना में चीतों के स्वागत की तैयारी तेज कर दी गई है। चीतों के अनुकूलन के लिए कुनो में बनाए गए पांच किलोमीटर इलाके में विशेष बाड़े में पांच तेंदुओं ने प्रवेश कर लिया था। इनमें से दो को पहले ही बाड़े से बाहर निकाल कर भगा दिया गया था। वर्मा ने कहा, ‘‘विशेष बाड़े में घूम रहे तीन तेंदुओं में से एक को शुक्रवार शाम को सुरक्षित रूप से पकड़ लिया गया और बेहोश कर दिया गया। इसे माधव राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा जाएगा। अन्य दो तेंदुओं को पकड़ने के लिए अभियान जारी है।'' माधव राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के दल बाड़े से शेष बचे दो तेंदुओं को पकड़ने की कोशिश कर रहा है। चीतों के आगमन का समय पूछे जाने पर वर्मा ने कहा कि लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय उद्यान के पालपुर क्षेत्र में दो हेलीपैड का निर्माण कर रहा है। इस बीच, अटकलें लगाई जा सकती हैं कि प्रदेश सरकार एक कार्यक्रम आयोजित कर सकती हैं जिसमें चीतों को जंगल में छोड़ा जाएगा। दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से मध्य प्रदेश पहुंचने के लिए लंबी यात्रा और पर्यावरण के परिवर्तन के चलते इन चीतों को यहां अनुकूलित होने में समय लगेगा।
स्थानांतरित होने वाले चीतों का नामीबिया में चीता संरक्षण कोष (सीसीएफ) के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक दल द्वारा पहली स्वास्थ्य जांच की गई। वर्ष 1952 में चीते भारत से विलुप्त हो गए। अफ्रीका चीता इंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट इन इंडिया 2009 से चल रहा है जिसने हाल ही के कुछ सालों में गति पकड़ी है। भारत ने चीतों के आयात के लिए नामीबिया सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
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