ताजमहल की ‘लघुकृति' बनाने वाले कलाकार आजीविका के लिये गढ़ रहे हैं देवताओं की मूर्तियां
आगरा (उप्र) । महामारी की वजह से आगरा में पर्यटन के केंद्र ‘ताजमहल' को देखने के लिए विदेशी पर्यटक अब भी बड़ी संख्या में नहीं आ पा रहे हैं तो ऐसे में यहां के कलाकार आजीविका के लिये देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने का काम करने लगे हैं। कोविड-19 महामारी के दस्तक देने के बाद से ये कलाकार सीमित कामगारों के साथ मुश्किल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें उम्मीद है कि निकट भविष्य में पर्यटन क्षेत्र फिर से पटरी पर लौट आएगा। आगरा शहर के पंचकूइयां नाला के एक कारखाने के मालिक चंद्रभान ने कहा कि कोविड-19 काल से पहले की तुलना में अब बिक्री करीब 70 फीसदी तक कम हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 से पहले, एक महीने में ताजमहल के 600 मॉडल की बिक्री हो जाती थी लेकिन महामारी के बाद यह करीब 200 पीस हो गई।'' भान ने कहा कि ये मॉडल विदेशी पर्यटक अपनी यात्रा स्मृति के रूप में ले जाते थे लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बंद होने के बाद से इसमें कमी आ गई। रजत (28) पिछले 10 वर्षों से ताजमहल के लघु रूप मॉडल को बनाकर अपने परिवार की मदद करते थे लेकिन अब वह ‘नंदी' और ‘शिवलिंग' के लिए पत्थर तराशने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि अब ताजमहल के छोटे मॉडल की मांग बेहद कम हो गई। नाम न बताने की शर्त पर ताजमहल के पास स्थित एक एम्पोरियम के मालिक ने कहा कि वह रोजाना भगवान से प्रार्थना करते हैं कि आगरा में देसी और विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढ़े, जिससे कलाकारों, होटल संचालकों, एम्पोरियम मालिकों और पर्यटन उद्योग से जुड़े अन्य लोगों के दिन पटरी पर लौट आएं।
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