हरितालिका तीज पर विशेष
डॉ विनीत शर्मा, ज्योतिषी वास्तु शास्त्री
संवत 2078 में हरितालिका तीज, तीजा ,गौरी व्रत, साम श्रावणी का पर्व भाद्र पद शुक्ल पक्ष की तृतीया 9 सितंबर गुरुवार के दिन मनाया जाएगा इस दिन हस्त नक्षत्र शुक्ला योग तैतिल और गर करण का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा है आज के दिन कन्या और तुला राशि में चंद्रमा का प्रभाव रहने वालाहै।छत्तीसगढ़ में इस पर्व को तीजा के नाम से सभी सौभाग्यवती नारियां मनाती हैं।इस व्रत को माताएं बहने मायके में जाकर उत्साह के साथ मनाती हैं।छत्तीसगढ़ या कुशावर्त राज्य में बहुत प्राचीन काल से इस पर्व को मनाया जा रहा है।
भारतीय महिलाओं के इस विशिष्ट पावन पर्व पर भद्र योग, वेशि योग ,शश योग और मालव्य योग का शुभ योग निर्माण हो रहा है।इस दिन महिलाएं अलग-अलग रंगों के फूलों से फुलेरा का भी निर्माण करती है।
यह त्यौहार सुहागिन महिलाएं अपने पति के अखंड सौभाग्य की रक्षा हेतु करती हैं यह एक कठिन उपवास माना गया है इस उपवास में निर्जला एवं निराहार रहकर इस व्रत को किया जाता है ।प्राचीन मान्यता है कि आज के दिन माता पार्वती जी ने शिव को प्राप्त करने के लिए तीजा के दिन निर्जला और निराहार रहकर घनघोर तप किया था जिसके फलस्वरूप भगवान शंकर पार्वती से प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें अपने जीवन में पत्नी के रूप में स्थान देते हैं।भारतवर्ष में महिलाएं अपने पति की लंबी आयु सुख सौभाग्य ऐश्वर्या और कीर्ति के लिए इस उपवास को करती हैं कुंवारी कन्याए भी अभिलाषित पति की प्राप्ति हेतु इस उपवास को कर सकती हैं ।उड़ीसा में यह गौरी व्रत के नाम से जाना जाता इस शुभ दिन भद्र योग मालव्य योग का स्पष्ट प्रभाव में देखने को मिल रहा है।
निर्जला व्रत को करते समय महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे शीतकारी और शीतली प्राणायाम के साथ अनुलोम विलोम और कपालभाति क्रिया के द्वारा अपने शरीर में ऊर्जा और जल के स्तर को बरकरार रख सकती हैं। व्रत करने के एक दिनपूर्व करेला और भात को खाने का विधान है इसे करूभात भी कहा जाता है । जिससे शरीरको विशेष तरह की ऊर्जा मिलती है।
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