गणेश जी स्थापना का शुभ मुहूर्त
पढ़िए ज्योतिषी वास्तुशास्त्री विनीत शर्मा का आलेख
कन्या लग्न में 6.20 am से 8.29 तक
तुला लग्न में 8.29 am से 10.42
सूर्योदय सिंह लग्न में 5.53 से 6.20 am तक
बुद्धि ज्ञान और सुमति के देने वाले श्री गणेश भगवान श्री विनायक प्रथम पूज्य प्रथमेश श्री लंबोदर महाराज का जन्म कन्या लग्न और कन्या राशि में हुआ ऐसा माना गया है । संवत 2078 भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चित्रा नक्षत्र ब्रह्म योग मुसल योग और तुला राशि का संयोग बन रहा है आज के शुभ दिन चंद्रमा तुला राशि में विराजमान रहेंगे।
तुला राशि का चंद्रमा शुक्रवार और गणेश चतुर्थी यह संयोग कई वर्षों के बाद बन रहा है । सर्व प्रथम पूज्य होने वाले भगवान श्री लंबोदर महाराज जो स्वयं विध्नहर्ता हैं यह सौभाग्य चतुर्थी वर्ग चतुर्थी और श्री गणेश चतुर्थी के नाम से समस्त भारतवर्ष में त्यौहार मनाया जाता है गणपति भगवान सुमंगल सुमति और ज्ञान और विज्ञान के देवता हैं गणेश जी की पूजा पाठ करने से हमारी मेधा बुद्धि बहुत विकसित होती है।
भगवान श्री एकदंत जी की चार भुजाएं चार पुरुषार्थ चातुष्टय की प्रतीक हैंचारभुजा धर्म अर्थ काम और मोक्ष को प्रतिनिधित्व करती हैं संपूर्ण जगत को गणेश जी के चार हाथों से कर्म करने उद्यमिता व कर्मशील श्रमशील रहने की प्रेरणा मिलती है ।गणेश जी गृहस्थी के देवता भी माने जाते हैं इनके गृहस्थी सुखमय और आनंदमय हैं शुभ और लाभ के रूप में आप के दो पुत्र हैं जो जीवन में सकारात्मकता धनात्मकता व शुभता के द्योतक हैं। रिद्धि और सिद्धि का वर देने वाली श्री गणेश जी की धर्मपत्नीधर्म पत्नियां हैं मुख्य रूप से आठ सिद्धियां और नव रिद्धियां होती हैं यह मानव मात्र के जीवन को कल्याण उत्कर्ष और उत्थान से समाहित कर देती हैं। वास्तव में श्री गणेश भगवान मानव मात्र को उन्नयन उत्थान व सुमतिवान बनाने वाले देवता हैं।
आज के शुभ दिन भगवान श्री लंबोदर भगवान को मोदक के लड्डू और केले जैसे ऋतु फल का भोग लगाना बहुत ही शुभ माना गया है।भगवान गणेश जी प्रकृति प्रेमी है इसलिए मिट्टी के गणेश की स्थापना कर उन्हें प्रकृति में ही समाहित करने का विधान है।भगवान श्री गणेश का लंबा उदर जीवन मे सहनशीलता दयालुता उदारता क्षमाशीलता सुधीरता के गुणों को विकसित करने का संदेश देतेहै।
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