कन्या संक्रांति कब है...महत्व और उपाय
कन्या संक्रांति इस साल 17 सितंबर शुक्रवार को है। हिन्दू धर्म में संक्रांति पर्व का विशेष महत्व होता है। इस दिन सूर्य देव की आराधना करने का विधान है। कन्या संक्रांति तिथि स्नान, दान आदि धार्मिक कार्यों के लिए बेहद लाभदायक मानी गई है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन पूजा करना फायदेमंद माना गया है। कन्या संक्रांति पर विश्वकर्मा पूजन भी किया जाता है जिस वजह से इस तिथि का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। ज्योतिष विज्ञान में सूर्य जब एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। सूर्य हर माह अपनी राशि बदलते हैं। इस प्रकार एक वर्ष में सूर्य इन 12 राशियों में चक्कर लगाते हैं जिस कारण एक साल में 12 संकांतियां आती हैं। कन्या राशि में बुध देव पहले से मौजूद हैं जिससे कन्या संक्रांति के दिन सूर्य और बुध का मिलन होगा और दोनों इस राशि में बुधादित्य योग का निर्माण करेंगे।
कन्या संक्रांति का शुभ मुहूर्त
पुण्य काल मुहूर्त: 17 सितंबर 2021 सुबह 06:17 से दोपहर 12:15 तक
महापुण्य काल मुहूर्त: 17 सितंबर 2021 सुबह 06:17 से 08:10 तक
कन्या संक्रांति पर सूर्योदय: 17 सितंबर 2021 सुबह 06:17
कन्या सक्रांति पर सूर्यास्त: 17 सितंबर 2021 शाम 06:24
कन्या राशि पर सूर्य का प्रभाव
कन्या राशि के जातकों का समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। जॉब में प्रमोशन मिल सकता है। इस अवधि में आपको शुभ समाचार मिलने की संभावना है। अन्य क्षेत्र में भी सुखद नतीजे मिलेंगे। नई जॉब की तलाश कर रहे जातकों को लाभ मिल सकता है। वैवाहिक जीवन के लिए सूर्य का आपकी राशि में आना बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं है। जीवनसाथी से विवाद की स्थिति बन सकती है। इसलिए विशेष ध्यान रखें।
सूर्य देव का आशीर्वाद पाने के लिए करें ये उपाय
रविवार के दिन सूर्य को जल चढ़ाएं। कन्या संक्रांति के दिन दान दें। पिताजी की सेवा करें। बुराई और किसी गलत आचरण से बचें। ऐसा करने से आपको सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होगा। समाज में आपका मान-समान बढ़ेगा
Leave A Comment