साधना पथ के लिये कुछ परामर्श
जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज द्वारा नि:सृत प्रवचन
जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज द्वारा नि:सृत प्रवचनों से 5 सार सार बातें; जो हमारे आध्यात्म-लाभ में सहायक बन सकते हैं ::::
(1) साधक को बड़ी सावधानी से सद्गुरु के आदेश का सदा पालन करना चाहिए। गुरु आदेश-पालन से ही श्यामा-श्याम की प्राप्ति होगी।
(2) संसारी व्यवहार करो, संसार का काम करो, लेकिन एक प्रमुख आदेश है कि अपने गुरु और इष्टदेव को सदा अपने साथ रखो।
(3) द्वेष करने वाले के प्रति भी द्वेष न करो. दूसरों की गलती के प्रति सहनशील बनो। गलती प्रत्येक व्यक्ति करता है, अत: सबसे नम्रता एवं दीनता का व्यवहार करो।
(4) आहार-विहार सब नियमित होना चाहिए। शरीर को जिन जिन तत्वों की आवश्यकता है ये सब आपके खाने में होने चाहियें, विटामिन ए, बी, सी, डी सब होने चाहिए। जबान (स्वाद) के लिए मत खाओ। खाने के लिए जिंदा न रहो, जिंदा रहने के लिए खाओ।
(5) महापुरुष को हमारे क्लास का सब अनुभव पहले से ही है। इसलिए वो हमारे दु:ख को हमारी दयनीय दशा को समझ करके उसी के अनुसार चलेगा और उसी के अनुसार दवा करेगा, हमारी हेल्प करेगा।
(जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज)
(स्त्रोत -जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज साहित्य
सर्वाधिकार सुरक्षित -राधा गोविन्द समिति, नई दिल्ली)
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