सावन सोमवार पर बन रहे ये अद्भुत संयोग व नक्षत्र
सावन में इस साल कई उत्तम योग बन रहे हैं। इस साल सावन सोमवार पर सर्वार्थ सिद्धि के साथ अमृत योग की वर्षा होगी। सावन के चारों सोमवार पर कुल सात फलदायी योग रहेंगे। वहीं, 72 साल बाद दो ग्रह शनि और बुध की चाल बदल जाएगी। यानी वह वक्री हो जाएंगे। दो ग्रह पहले से ही वक्री हैं। वह सावन में भी इसी स्थिति में रहेंगे। सावन का कृष्ण पक्ष में एक दिन क्षय हो रहा है तो शुक्ल पक्ष में एक दिन की वृद्धि भी हो रही है।
आचार्य सुरेंद्रनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि सावन 11 जुलाई से शुरू होकर नौ अगस्त तक रहेगा। इस दौरान कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस माह में सात सर्वार्थ सिद्धि और एक अमृत सिद्धि योग का अनुपम संयोग बन रहा है। इस दौरान भगवान शिव का पूजन-अर्चन करने से उनकी कृपा बरसेगी। सात जुलाई को देवताओं के गुरु बृहस्पति उदय होंगे। 72 साल बाद 13 जुलाई को बुध और 14 जुलाई को शनि देव वक्री होंगे। राहु और केतु पहले से ही वक्री हैं।
सावन के सोमवार पर बन रहे ये अद्भुत योग और नक्षत्र: आचार्य सुरेंद्रनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि सावन के पहले सोमवार यानी 14 जुलाई को धनिष्ठा नक्षत्र और आयुष्मान योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन गणेश चतुर्थी का भी दुर्लभ संयोग है। दूसरे सोमवार 21 जुलाई को रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। कामिका एकादशी और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ संयोग है। इस दिन व्रत करने से भगवान शिव के साथ साथ भगवान विष्णु की कृपा बरसेगी। सावन के तीसरे सोमवार यानी 28 जुलाई को चंद्रमा पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा। सिंह राशि में चंद्रमा के होने से धन योग बनेगा। वृद्ध चतुर्थी का भी संयोग है। इस दिन भगवान शिव और गणेशजी के आशीर्वाद भक्तों को मिलेंगे। अंतिम सोमवार चार अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म और इंद्र योग रहेगा। चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र से वृश्चिक राशि पर संचार करेंगे।
ये कर सकते हैं शुभ कार्य- सावन में सात सर्वार्थ सिद्धि और एक अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। सावन के समापन पर नौ अगस्त को बुद्ध-आदित्य योग के साथ श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को होगा। इस मास के फलदायी होने से अनुष्ठान, नए कार्य, संकल्प, रजिस्ट्रेशन, संपत्ति क्रय-विक्रय और उद्योग स्थापना जैसे कार्य करना लाभकारी है।
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