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मंदिर में प्रवेश करने से पहले क्यों बजाई जाती है घंटी?
हम जब भी मंदिर जाते हैं तो  मंदिर में प्रवेश करने से पहले घंटी या घंटा जरूर बजाते हैं। घर के मंदिर में भी भगवान की पूजा के दौरान घंटी बताने की परंपरा बरसों से चली आ रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है? इसके अपने धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं। 
हमारे देश में प्राचीनकाल से मंदिर के द्वार पर घंटी या घंटा लगाने का प्रचलन चलता चला आ रहा है। धार्मिक मान्यता है कि पूजा के दौरान घंटी बजाने से भगवान जागृत अवस्था में आ जाते हैं और प्रसन्न भी होते हैं। इसके अलावा जिन स्थानों पर घंटी बजती रहती हैं वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। आमतौर पर घंटियों के 4 प्रकार होते हैं- गुरूड़ घंटी, द्वार घंटी, हाथ घंटी और घंटा। सभी घंटियों का अपना महत्व होता है। 
 गरूड़ घंटी - गरूड़ घंटी छोटी सी होती है, जिसे एक हाथ से बजाया जाता है। 
द्वार घंटी - यह घंटी द्वार पर लगी होती है और यह बड़ी व छोटी हो सकती है।
हाथ घंटी - यह पीतल की ठोस गोल प्लेट की तरह होती है और इसे लड़की के एक गद्दे से ठोककर बजाते हैं।
घंटा - यह बहुत बड़ा होता है। आमतौर पर मंदिरों में कम से कम 5 फीट लंबा और चौड़ा घंटा लगाया जाता है। 
 धार्मिक महत्व 
धार्मिक मान्यता के अनुसार, घंटी बजाने से देवी-देवता के समक्ष हमारी  हाजिरी लग जाती है। जब भी हम मंदिर जाते हैं तो सबसे पहले द्वार पर घंटी बजाते हैं और फिर प्रवेश करते हैं ताकि भगवान जागृत अवस्था में आ जाएं और हमारी पूजा और आराधना सफल हो जाएं। वहीं दूसरा कारण है कि घंटी की ध्वनि से हमारा मन-मस्तिष्क जागृत अवस्था में आ जाता है और आपके अंदर अध्यात्म भाव पैदा हो जाता है। जब हम घंटी की ध्वनि के साथ अपने मन को जोड़ लेते हैं तो  शांति का अनुभव होता है। माना जाता है कि मंदिर में घंटी बजाने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। 
 घंटी की ध्वनि
माना जाता है कि जब सृष्टि की शुरूआत हुई थी तब जो नाद यानि आवाज गूंजी थी, वहीं आवाज घंटी बजाने से पैदा होती हैं और उसी नाद का प्रतीक घंटी को माना जाता है। यही नाद ओंकार के उच्चारण से भी जागृत होता है। कहा जाता है कि जब धरती पर प्रलय आएगा तब भी यही नाद गूंजेगा। 
 वैज्ञानिक महत्व
मंदिर में या घर में घंटी लगाने का वैज्ञानिक महत्व कुछ और ही है। इस महत्व को घंटी की ध्वनि के आधार पर बताया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जब घंटी बजाई जाती हैं तो वातावरण में कंपन पैदा होता है और ये कंपनी वायुमंडल में काफी दूर तक जाता है, जिससे आसपास के वातावरण में मौजूद जीवाणु, सूक्ष्म जीव और विषाणु नष्ट हो जाते हैं और वातावरण शुद्ध हो जाता है। यही वजह है कि लोग अपने घरों में विंड चाइम्स लगाते हैं ताकि उसकी ध्वनि से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाएं और घर में सुख-समृद्धि बरसे। इसलिए अपने द्वार पर एक विंड चाइम्स इसतरह लगाएं, जहां हवा आसानी से आती हो । इस तरह हवा से विंड चाइम्स की घंटियों की आवाज पूरे वातावरण में सुनाई देगी और नकारात्मक ऊर्जा का घर में प्रवेश नहीं होगा। 

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