शेषनाग का है जहां वास
शेषनाग झील जम्मू और कश्मीर में अमरनाथ गुफ़ा के पास स्थित एक धार्मिक झील है। यह पर्वतमालाओं के बीच नीले पानी की एक ख़ूबसूरत झील है। यह झील कऱीब डेढ़ किलोमीटर लम्बाई में फैली है। यह झील चन्दनवाडी से लगभग 16 किमी और पहलगाम से लगभग 32 किमी की दूर पर है।
किंवदंतियों के अनुसार शेषनाग झील में शेषनाग का वास है और चौबीस घंटों के अंदर शेषनाग एक बार झील के बाहर दर्शन देते हैं। वहीं एक और किंवदंती है कि जब शिव जी माता पार्वती को अमरकथा सुनाने अमरनाथ ले जा रहे थे, तो उनका इरादा था कि इस कथा को कोई ना सुने। अगर कोई दूसरा इसे सुन लेगा, तो वो भी अमर हो जाएगा और सृष्टि का मूल सिद्धांत गड़बड़ हो जायेगा। इसी सिलसिले में उन्होंने अपने असंख्य सांपों-नागों को अनन्तनाग में, बैल नन्दी को पहलगाम में, चन्द्रमा को चन्दनवाडी में छोड़ दिया था। लेकिन अभी भी उनके साथ शेषनाग था जिसे उन्होंने इस झील में छोड़ दिया। शंकर जी ने शेषनाग को आदेश दिया था कि इस स्थान से आगे कोई ना जाने पाए। बस तभी से इसका नाम शेषनाग झील हो गया।
अमरनाथ हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यहां की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बफऱ् से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इस स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते हैं।
--
Leave A Comment