महापुरुषों को प्रारब्ध/भाग्य क्यों भोगना पड़ता है, जगदगुरु श्री कृपालु महाप्रभु जी द्वारा समाधान
जगदगुरु कृपालु भक्तियोग तत्वदर्शन - भाग 128
साधक का प्रश्न : महाराज जी! महापुरुषों को प्रारब्ध क्यों भोगना पड़ता है?
जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा उत्तर :::
भगवान का कानून है -
अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्मशुभाशुभं। (महाभारत)
ताकि भगवान के ऊपर लांछन न लगे कि क्यों जी, अपने जन के लिये तो रियायत हो गई और हमको ये भोगना पड़ेगा। ये भगवान के ऊपर न दोषारोपण हो इसलिये भक्त कहता है, अरे हमको उसकी फीलिंग तो होनी नहीं है, हमारा पिता मरेगा, बेटा मरेगा, धन लुटेगा, शरीर में रोग होगा, हमें उसकी फीलिंग तो होना नहीं है फिर ये क्यों हम भगवान को बदनाम करने के लिये प्रारब्ध को काटें। वैसे काटने का अधिकार ज्ञानी को नहीं है, भक्त को है।
00 सन्दर्भ ::: साधन साध्य पत्रिका, मार्च 2015 अंक
00 सर्वाधिकार सुरक्षित ::: राधा गोविन्द समिति, नई दिल्ली के आधीन।
Leave A Comment