भगवान और महापुरुष की ओर मन जल्दी खिंचे, इसके लिये क्या करना होगा?
जगदगुरु कृपालु भक्तियोग तत्वदर्शन - भाग 147
साधक का प्रश्न ::: भगवान और महापुरुष की ओर मन जल्दी खिंचे, इसके लिये क्या करना होगा?
जगदगुरुत्तम श्री कृपालु महाप्रभु जी द्वारा उत्तर :::
भगवान से अनन्य प्रेम करना है। 'अनन्य' माने 'अन्य में नहीं'। सब जगह कर्तव्य-पालन करो। तुम्हारी जो ड्यूटी है, माँ के प्रति, बाप के प्रति, बेटे के प्रति, स्त्री के प्रति, वो करो, लेकिन प्यार भगवान और महापुरुष से करो, क्योंकि वो शुद्ध हैं। अशुद्ध से मन का प्रेम न करो, व्यवहार में करो, एक्टिंग। जैसे दूसरे के बच्चे के गाल में हम हाथ से ऐसे-ऐसे (इशारा) कर देते हैं, पुच-पुच कर देते हैं तो उसकी माँ खुश हो जाती है कि हमारे बच्चे से प्यार कर रहा है। दूसरे के बच्चे से भला कौन प्यार करेगा, वो एक्टिंग करता है, उसके माँ-बाप को खुश करने के लिए और माँ-बाप बेवकूफ भी बन जाते हैं। लेकिन वो प्यार-व्यार तो अपने अपने बच्चे से करता है, दूसरे से क्यों करेगा भला।
तो ऐसे ही अपने परिवार में भी प्यार की एक्टिंग करो, लेकिन खास-तौर से ड्यूटी करो और प्यार हरि-गुरु से करो। तो तुम्हारा मन महापुरुष और भगवान में जल्दी खिंचेगा, बस! उतना ही तुम्हारा मन शुद्ध है, ये पैमाना है और इसी पैमाने को लेकर आगे बढ़ते चलो।
०० प्रवचनकर्ता ::: जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज
०० सन्दर्भ ::: अध्यात्म सन्देश पत्रिका, जुलाई 2007 अंक
०० सर्वाधिकार सुरक्षित ::: राधा गोविन्द समिति, नई दिल्ली के आधीन।
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