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ऐसी थी दशग्रीव रावण की राक्षस सेना...
रामायण हिन्दू रघुवंश के राजा भगवान राम की गाथा है। । यह आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य, स्मृति का वह अंग है। इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि' भी कहा जाता है। रामायण के छ: अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं, इसके 24 हजार श्लोक हैं।  यह त्रेतायुग का काव्य है। 
रावण की सेना लाखों से ज्यादा करोड़ो की संख्या में थी, इसके बावजूद भी सिर्फ वानरों की सेना के सहारे ही प्रभु राम ने सिर्फ आठ दिन में ही युद्ध समाप्त कर रावण और अन्य राक्षसों का वध किया और धर्म की पुनस्र्थापना की।
कैसी थी रावण की सेना
दशग्रीव रावण की सेना में में ऐसे अदम्य बलवान और पराक्रमी राक्षस  योद्धा थे जिन्हे भगवान् की सिवाय किसी और मनुष्य का हारा पाना नामुमकिन सा था इसलिए भगवान विष्णु के साथ भगवान् शिव के ग्यारहवें अंश हनुमान जी और बहुत से देवताओं के अंश ने जन्म लिया तथा हर प्रकार से मदद की।
 रावण की सेना में उसके प्रतापी सात पुत्र और कई भाई सेना नायक थे इतना ही नहीं रावण के कहने पर उसके भाई अहिरावण ने श्री राम और लक्ष्मण का छल से अपहरण कर मारने की कोशिश की थी। रावण स्वयं दशग्रीव था और उसके नाभि में अमृत होने के कारण लगभग अमर था।
 रावण का पुत्र मेघनाद (जन्म के समय रोने की नहीं बल्कि मुख से बदलो की गरज की आवाज आई थी) को स्वयं ब्रह्मा ने इंद्र को प्राण दान देने पर इंद्रजीत का नाम दिया था। ब्रह्मा ने उसे वरदान भी मांगने बोला तब उसने अमृत्व मांगा पर वो न देके ब्रह्मा ने उसे युद्ध के समय अपनी कुलदेवी का अनुष्ठान करने की सलाह दी, जिसके जारी रहते उसकी मृत्यु असंभव थी।
 रावण का पुत्र अतिक्या जो की अदृश्य होकर युद्ध करता था, रावण का भाई कुम्भकरण जिसे स्वयं नारद मुनि ने दर्शन शास्त्र की शिक्षा दी थी, वो अधर्म के पक्ष में है जानकार भी रावण के मान के लिए अपनी आहुति दी थी।
 हनुमान जी ने रावण की सेना को इस तरह बताया -
- 10 हजार सैनिक पूर्वी द्वार पर तैनात हैं।
- एक लाख  सैनिक, चतुरंगिणी सेना के साथ दक्षिणी द्वार पर तैनात हैं।
-दस लाख  सेना जो हर अस्त्रों से लडऩे में निपुण हैं वो पश्चिमी द्वार पर खड़ी है। 
- दस लाख से ज्यादा राक्षस सेना जो रथ और घोड़े वाली है, उत्तरी द्वार पर तैनात हैं। 
- दस लाख राक्षस सेना जो पूरी लंका में हर तरफ तैनात हैं।
 रावण के भाई -
कुम्भकर्ण - भगवान राम  ने मारा
खर - भगवान राम ने मारा
दूषण - रभगवान राम ने मारा
अहिरावण - हनुमान जी ने मारा
 रावण के सात शूरवीर पुत्र -
 मेघनाद - रावण का सबसे बड़ा पुत्र जिसे इंद्रजीत कहा गया, लक्ष्मण  ने मारा
प्रहस्त - सुग्रीव के कई बलशाली योद्धाओं को मारा, युद्ध के पहले दिन ही लक्ष्मण  ने मारा
नरान्तक - हनुमान जी ने मारा
देवान्तक - हनुमान जी ने मारा
अतिकाय - लक्ष्मण जी ने मारा
त्रिशिरा - भगवान राम ने मारा
अक्षयकुमार - हनुमान जी ने मारा
 कुम्भकरण के दो पुत्र -
 कुम्भ - सुग्रीव ने मारा
निकुम्भ - हनुमान जी ने मारा
 खर के दो पुत्र -
 मकराक्ष - भगवान राम ने मारा
विशालाक्ष -
अन्य- अकम्पना - हनुमान जी ने मारा, अशनिप्रभ - द्विविद ने मारा ,धूम्राक्ष -  हनुमान जी ने मारा ,दुर्धष - भगवान राम ने मारा ,जाम्बाली - हनुमान जी ने मारा ,महाकाय - भगवान राम  ने मारा ,महापाश्र्वा - अंगद ने मारा,महोदर -  सुग्रीव ने मारा ,प्रजनघ - अंगद ने मारा ,नगपुत्रा - अंगद ने मारा ,सारण - भगवान राम ने मारा ,समुन्नत  - दुर्मुख ने मारा ,शार्दूल - जिसने बताया, राम की सेना समुद्र पार करके आ गई है ,शोनिताक्ष  - अंगद ने मारा, शुक - भगवान राम ने मारा, विद्युन्माली - सुषेण  ने मारा, विरूपाक्ष - लक्ष्मण जी ने मारा, यज्ञशत्रु - भगवान राम ने मारा आदि। 
  

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