इन तिथियों को न खाएं ये वस्तुएं....
हिन्दू धर्म ग्रंथों में इस बात की जानकारी भी दी गई है कि हमें क्या खाना चाहिए, कब खाना चाहिए और इसका परहेज करना चाहिए। खासकर तिथियों के हिसाब से भी खानपान का ध्यान रखा गया है। आज हम जानते हैं कि हमें किस तिथि को क्या नहीं खाना चाहिए।
पेठा-
पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि किसी भी महीने की प्रथम तिथि (हिन्दू कलेंडर के हिसाब से)को पेठे का सेवन नहीं करना चाहिए। पेठे को कूष्मांड भी कहा जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि प्रतिपदा के दिन पेठे का सेवन करने से धन हानि होती है। कूष्मांड का उपयोग मां कूष्मांडा की पूजा करने में किया जाता है। इसका नवरात्र के दौरान मां कूष्मांडा का भोग लगाने के लिए किया जाता है।
मूली- शास्त्रों के अनुसार चतुर्थी तिथि को मूली का सेवन नहीं करना चाहिए। माना गया है कि चतुर्थी के दिन मूली खाने से घर में दरिद्रता आती है। वहीं काम अटकते हैं, कोई काम नहीं हो पाता। हर काम में विघ्न उत्पन्न होता है।
दही और सत्तू
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो रात में कभी भी दही और सत्तू का सेवन न करें। रात के वक्त किसी भी रूप में दही का सेवन और सत्तू का प्रयोग करने वाला नरक का भागी होता है। रात के वक्त वैसे भी दही का सेवन आयुर्वेद में भी वर्जित माना गया है।
तिल युक्त पदार्थ
शास्त्रों में कहा गया है कि सूर्यास्त के बाद कोई भी तिलयुक्त पदार्थ का सेवन करने से बचना चाहिए। वहीं सूर्यास्त के वक्त किसी से नमक उधार नहीं मांगना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और शारीरिक के साथ-साथ आर्थिक कष्ट भी इंसान को उठाने पड़ते हैं।
रविवार को क्या ना खाएं
रविवार का दिन सूर्यदेवता को समर्पित है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भूलकर भी मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग के साग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ब्रह्मवैवर्त पुराण में ऐसा बताया गया है कि रविवार के दिन लाल रंग की वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कष्ट होता है और तरक्की में रुकावट आती है।
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