घर में होती है कलह... आमदनी से ज्यादा खर्च हो... हरदम रहे कोई बीमार तो करें इस यंत्र की स्थापना
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि घर में कोई न कोई हरदम बीमार रहता है, घर में रोजाना लड़ाई हो रही है, आमदनी से ज्यादा खर्च हो रहा है। परिवार का मुखिया हर वक्त परेशान रहता है या फिर उसे रात के वक्त डरावने सपने आते हैं तो इसके लिए घर का वास्तु दोष कुछ हद तक जिम्मेदार होता है। कई बार भवन निर्माण के दौरान कई प्रकार के वास्तु दोष रह जाते हैं और उन्हें दूर करने के लिए आमतौर पर लोग इनको दूर करने के लिए कई तरह के उपाय भी करते हैं। वहीं वास्तुदोष को दूर करने के लिए वास्तु शास्त्र में कई चमत्कारी उपाय बताए गए हैं। इनमें से वास्तु दोष निवारण यंत्र सुरक्षा कवच का काम करता है। हिंदू धर्म में वास्तु दोष को दूर करने के लिए घर में वास्तु निवारण यंत्र की स्थापना करनी चाहिए ताकि आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकें और नकारात्मक शक्तियों का नाश किया जा सके।
वास्तु दोष निवारण यंत्र लाभ
-वास्तु दोष निवारण यंत्र को स्थापित करने से नवग्रहों का शुभ फल प्राप्त होता है।
-इस यंत्र की स्थापना के बाद वास्तुदोष से जुड़ी सभी परेशानियों से राहत मिल सकती है।
-घर के कलह-क्लेश को दूर करने के लिए भी इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है।
-यदि आपके घर में हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती है तो यह इसको भी दूर करता है।
-वास्तुदोष निवारण यंत्र से रोग-पीडा़ और दरिद्रता का नाश होता है और धन-वैभव की इच्छा पूरी होती है।
-इस यंत्र को स्थापित करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
-वास्तुदोष निवारण यंत्र को स्थापित करके आप अपने घर में बिना तोड़-फोड के वास्तुदोष को दूर कर सकते हैं।
कहां करें स्थापना
वास्तुदोष निवारण यंत्र को घर या ऑफिस में पश्चिम या पूर्व की दिशा में रखना शुभ माना गया है। इस यंत्र का प्रभाव सूर्य की बढ़ती किरणों के साथ ओर बढ़ता है। वास्तु दोष निवारण यंत्र को आप सादे कागज पर, भोजपत्र, तांबे और चांदी की धातु पर भी बनवा सकते हैं। इस यंत्र को स्थापित रखने के लिए किसी विशेष पूजा की आवश्यकता नहीं होती है। वास्तु दोष निवारण यंत्र को स्थापित करते वक्त इसके शुद्धिकरण और प्राण प्रतिष्ठा जैसे महत्वपूर्ण चरण सम्मिलित होने चाहिए। प्राण प्रतिष्ठा करवाए बिना इस यंत्र का विशेष लाभ प्राप्त नहीं होता है। इसलिए इस यंत्र को स्थापित करने से पहले सुनिश्चित करें कि यह विधिवत बनाया गया हो और इसकी प्राण प्रतिष्ठा हुई हो। वास्तु दोष निवारण यंत्र खरीदने के पश्चात किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लेकर उसे घर की सही दिशा में स्थापित करना चाहिए।
स्थापना विधि
वास्तुदोष निवारण यंत्र को स्थापित करने के लिए सबसे पहले प्रात: काल उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर इस यंत्र को पूजन स्थल पर रखकर इस यंत्र के आगे दीपक जलाएं और इस पर फूल अर्पित करें। इसके बाद वास्तु दोष निवारण यंत्र को गौमूत्र, गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें और 11 या 21 बार " ओम आकर्षय महादेवी राम राम प्रियं हे त्रिपुरे देवदेवेषि तुभ्यं दश्यमि यंचितम " बीज मंत्र का जाप करें।
वास्तु दोष निवारण यंत्र का बीज मंत्र - "ओम आकर्षय महादेवी राम राम प्रियं हे त्रिपुरे देवदेवेषि तुभ्यं दश्यमि यंचितम "
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