साधक हर समय श्रीकृष्ण को अपने साथ माने और दूसरों की गलती न देखे; श्री कृपालु महाप्रभु जी द्वारा साधना-सावधानी संबंधी चर्चा!!
जगदगुरु कृपालु भक्तियोग तत्वदर्शन - भाग 190
(साधना सम्बन्धी सावधानी, जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज के श्रीमुखारविन्द से...)
हर समय श्रीकृष्ण को अपने साथ मानने का अभ्यास करो। और सब भूल जाओ संसार क्या है? अपने आपको तुम इस समय ऐसा महसूस करो कि संसार मे मेरा कोई नहीं हैं और ये फेक्ट भी है। डेली देख रहे हो, संसार से सभी को अकेले जाना है और अकेले आया भी है। ये बीच में मुसाफिरखाने का एक संग हो गया है। माँ, बाप, स्त्री, पति, बेटा का। शरीर चलाने के लिए इनका संबंध है। हमारे असली माता-पिता, कोई भी रिश्तेदार, केवल भगवान और महापुरुष हैं। इसलिए हरि और गुरु का ध्यान सदा सर्वत्र बना रहे और कोई कभी गलती भी कर जाय साधक, तो गलती को मत देखो, ये देखो कि हमने गलती क्यों देखा? प्रायः ऐसा होता है कि आपस मे कभी छोटी-छोटी बात में, छोटे-छोटे व्यवहार में एक दूसरे के प्रति दुर्भावना कर लेते है। ऐसा नहीं होना चाहिये। उसने गलती की ये तुमने सोचा क्यों? अतः अभ्यास करो, अभ्यास से ही काम बन जायेगा।
०० प्रवचनकर्ता ::: जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज
०० सन्दर्भ ::: जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज साहित्य
०० सर्वाधिकार सुरक्षित ::: राधा गोविन्द समिति, नई दिल्ली के आधीन।
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