जानिये रावण के परिवार के बारे में ....
रायपुर। दूरदर्शन पर एक बार फिर रामानंद सागर के सीरियल रामायण का प्रसारित किया जा रहा है और लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं। कुछ समय से मुंबई में टेली सीरियलों और फिल्मों की शूटिंग भी नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में दूरदर्शन ने अपने सुनहरे दौर के क्लासिक सीरियलों का प्रसारण फिर से शुरू किया है।
इन्हीं सीरियलों में रामायण भी है। सीरियल के माध्यम से छोटे-छोटे बच्चे भी रामायण के पात्रों को जान रहे हैं। कहा जाता है कि सारस्वत ब्राह्मण पुलस्त्य ऋषि का पौत्र और विश्वश्रवा का पुत्र रावण दशानन होने के साथ ही परम भगवान शिव भक्त, उद्भट राजनीतिज्ञ , महाप्रतापी, महापराक्रमी योद्धा, अत्यन्त बलशाली, शास्त्रों का प्रखर ज्ञाता, प्रकान्ड विद्वान, पंडित एवं महाज्ञानी था। रावण के शासन काल में लंका का वैभव अपने चरम पर था और उसने अपना महल पूरी तरह स्वर्ण रजित बनाया था, इसलिये उसकी लंकानगरी को सोने की लंका अथवा सोने की नगरी भी कहा जाता है। जानिए रावण के परिवार के बारे में -
1. रावण के माता-पिता थे ऋषि विश्वश्रवा और कैकसी। ऋषि विश्वश्रवा की दो पत्नियां थी। उन्होंने ऋषि भारद्वाज की पुत्री इलाविदा से पहले विवाह किया था। जिनसे कुबेर का जन्म हुआ और उसी ने लंका नगरी बसाई थी। विश्वश्रवा की दूसरी पत्नी कैकसी से रावण, कुंभकरण, विभीषण और सूर्पणखा पैदा हुई थी।
2. ऋषि विश्वश्रवा ऋषि पुलस्त्य और हविर्भुवा के पुत्र थे। यानी ऋषि पुलस्त्य और हविर्भुवा रावण के दादा- दादी थे।
3. वहीं रावण की माता कैकसी राक्षसराज सुमाली और केतुमती की बेटी थी। सुमाली के बेटों में प्रहस्त, अकन्पन, विकट, कालिकामुख, धूम्राश, दण्ड, सुपाश्र्व, सहादि, प्रधस और भास्कण आदि का उल्लेख मिलती है, जो रावण के मामा थे। कैकसी की बहनों में रांका, पुण्डपोत्कटा, और कुभीनशी का जिक्र मिलता है। मारीच और सुबाहू भी रावण के मामा थे और ये दोनों सुण्ड एवं ताड़का के पुत्र थे।
3. रावण के छह भाई थे जिनके नाम ये हैं- कुबेर, विभीषण, कुम्भकरण, अहिरावण, खर और दूषण। खर, दूषण, कुम्भिनी, अहिरावण और कुबेर रावण के सगे भाई बहन नहीं थे।
4. रावण की दो बहने थीं सूर्पनखा और दूसरी कुम्भिनी। कुम्भिनी मथुरा के राजा मधु राक्षस की पत्नी थी और राक्षस लवणासुर की मां थीं। सूर्पणखा का विवाह कालका के पुत्र दानवराज विद्युविह्वा के साथ हुआ था।
5. रावण की दो पत्नियों का ही उल्लेख ज्यादा मिलता है, लेकिन कहीं-कहीं तीसरी पत्नी का जिक्र भी होता है लेकिन उसका नाम अज्ञात है। रावण की पहली पत्नी का नाम मंदोदरी था जोकि राक्षसराज मयासुर की पुत्री थीं। दूसरी का नाम धन्यमालिनी था । मंदोदरी रावण की मुख्य रानी थी जो हेमा नामक अप्सरा के गर्भ से उत्पन्न हुई थीं। पतिव्रता नारियों में मंदोदरी का स्थान देवी अहिल्या के समकक्ष है।
6. मंदोदरी का पिता मय दानव तलातल का राजा था। सुतल लोक से नीचे तलातल है। वहां त्रिपुराधिपति दानवराज मय रहता है। कहा जाता है कि मय विषयों का परम गुरु था। विश्वकर्मा देवों के तो मय दानव दैत्यों का वास्तुकार माना जाता था। मय दानव के पास एक विमान रथ था जिसका परिवृत्त 12 क्यूबिट था और उस में चार पहिए लगे थे। इस विमान का उपयोग उसने देव-दानवों के युद्ध में किया था।
7. रावण की संतानें- मंदोदरी से रावण को जो पुत्र मिले उनके नाम हैं- इंद्रजीत, मेघनाद, महोदर, प्रहस्त, विरुपाक्ष भीकम वीर। कहते हैं कि दूसरी पत्नी धन्यमालिनी से अतिक्या और त्रिशिरार नामक दो पुत्र जन्में जबकि तीसरी पत्नी के प्रहस्था, नरांतका और देवताका नामक पुत्र थे।
8. सरमा, विभीषण की पत्नी थी, जो एक गन्धर्व कन्या थी और उसकी बेटी का नाम त्रिजटा था।
9. कुंभकर्ण की पत्नी का नाम वज्रज्वाला था।
10. मेघनाद की पत्नी का नाम सुलोचना था, जो बहुत पतिव्रता थी। वह नागराज वासुकी की बेटी थी।
11. मेघनाद के पुत्र का नाम अक्षय कुमार था।
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