ब्रेकिंग न्यूज़

होली पर इस गांव में होती है अग्निपरीक्षा, आगामी 29 मार्च को तड़के धधकते अंगारों से होकर निकलेगा मोनू पंडा!

ब्रज की होली विश्व प्रसिद्ध है। होली के पर्व पर यहां सदियों पुरानी लीलाएं जीवंत हो जाती हैं। इनमें भक्त प्रहलाद की लीला भी शामिल हैं, जो हर वर्ष मथुरा के गांव फालैन में होती है। गांव फालैन में होली पर एक पंडा धधकते हुए अंगारों पर चलता है। इस बार भी मोनू पंडा इस हैरतअंगेज कारनामे को करेगा। प्रहलाद नगरी फालैन में मोनू पंडा शनिवार को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद तप पर बैठ गए। बेहद कठोर नियमों का पालन करते हुए एक माह तक पंडा घर नहीं जाएंगे। वह मंदिर पर रहकर अन्न का त्याग कर तप करेंगे। होलिका वाले दिन लग्न के अनुसार पंडा धधकती होलिका से होकर गुजरेंगे।
भक्त प्रहलाद के होलिका से बच निकलने के कारनामे को साकार करने के लिए प्रहलाद नगरी फालैन में तैयारियां शुरू हो गईं हैं। मोनू पंडा ने ग्रामीणों के साथ परिक्रमा कर प्रहलाद कुंड पर मंदिर के समीप होलिका स्थल की पूजा परिक्रमा की। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रहलादजी महाराज के जयघोष के साथ गुलाल उड़ाया। परिक्रमा कर पंडा प्रहलाद कुंड के किनारे मंदिर पर पहुंचे।
जहां उन्होंने पूजा कर होलिका की पूजा की। मेला आचार्य पंडित भगवान सहाय ने मंत्रोच्चारणों के मध्य होलिका स्थल पर होलिका का पूजन कराया और होलिका रखवाई। इसी के साथ पंडा को प्रहलादजी की माला सौंपकर तप के नियम समझाए। इसी के साथ मोनू पंडा दूसरी बार धधकते अंगारों से निकलने के लिए तप पर बैठ गए। मेला आचार्य भगवान सहाय पंडित ने बताया कि एक माह तक पंडा ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे और घर नहीं जाएंगे। 29 मार्च को अलसुबह होलिका के धधकते अंगारों से होकर पंडा निकलेगा।
ये है मान्यता
जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर फालैन गांव है, जिसे प्रहलाद का गांव भी कहा जाता है। मान्यता है कि गांव के निकट ही साधु तप कर रहे थे। उन्हें स्वप्न में डूगर के पेड़ के नीचे एक मूर्ति दबी होने की बात बताई। इस पर गांव के कौशिक परिवारों ने खोदाई कराई। जिसमें भगवान नृसिंह और भक्त प्रहलाद की प्रतिमाएं निकलीं। प्रसन्न होकर तपस्वी साधु ने आशीर्वाद दिया कि इस परिवार का जो व्यक्ति शुद्ध मन से पूजा करके धधकती होली की आग से गुजरेगा, उसके शरीर में स्वयं प्रहलादजी विराजमान हो जाएंगे। आग की ऊष्मा का उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके बाद यहां प्रहलाद मंदिर बनवाया गया। मंदिर के पास ही प्रह्लाद कुंड का निर्माण हुआ। तब से आज तक प्रहलाद लीला को साकार करने के लिए फालैन गांव में आसपास के पांच गांवों की होली रखी जाती है। फालैन को प्रहलाद का गांव भी कहा जाता है। गांव का पंडा परिवार प्रहलाद लीला की जीवंत किए हुए हैं।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english